चौथे दिन उठा सवालः अधिवक्ताओ का आन्दोलन अन्तिम निर्णय तक चलेगा या बीच में खत्म हो जायेगा,आखिर जीतेगा कौन ?

जौनपुर। जनपद के सिटी मजिस्ट्रेट देवेंद्र सिंह को खिलाफ दीवानी न्यायालय अधिवक्ता संघ के नेतृत्व में चल रहा आन्दोलन चौथे दिन एक नये मोड़ की ओर जाता नजर आया है। ऐसी संभावनाए ब्यक्त की गई है कि जिस जोश और मांग को लेकर आन्दोलन शुरू किया गया था। उसे पूरा हुए बगैर ही आन्दोलन खत्म हो सकता है। हलांकि कुछ जिम्मेदार अधिवक्ता और युवा अधिवक्ता अपनी मांग को पूरा होने तक आन्दोलन चलाने कि जिद पर अडिग है। लेकिन सीनियर अधिवक्ता संभवत: इसके पक्ष में नहीं नजर आ रहे है।
यहां बता दे कि थाना लाइन बाजार स्थित मोहल्ला मतापुर में भाजपा के नेता जो जन प्रतिनिधि भी के पक्ष में जमीन कब्जे के मामले को लेकर हुए विवाद के बाद दीवानी न्यायालय के अधिवक्ता मो साहिल को धारा 151 में गिरफ्तार कर जेल भेजने के मसले पर दीवानी न्यायालय का अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष जितेन्द्र नाथ उपाध्याय के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन शुरू करते हुए मांग किया कि नगर मजिस्ट्रेट देवेन्द्र सिंह को निलंबित किया जाए अथवा तत्काल स्थानांतरित किया जाए।  तीन दिन तक अधिवक्ताओ की एक मांग रही सिटी मजिस्ट्रेट को निलंबित अथवा स्थानांतरित होने तक आन्दोलन चलाया जायेगा।
लेकिन चौथे दिन अधिवक्ता गण धरने पर बैठे  इसके बाद जिला सत्र न्यायाधीश की पहल पर जनपद के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के साथ अधिवक्ताओ का एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें अध्यक्ष जितेन्द्र नाथ उपाध्याय, पूर्व अध्यक्ष प्रेम शंकर मिश्र, तेज बहादुर सिंह, सुबाष चन्द यादव, समर बहादुर यादव शामिल थे के साथ लगभग एक घन्टे तक बैठक हुई और तय हो गया कि जिलाधिकारी सिटी मजिस्ट्रेट के खिलाफ शासन को डीओ पत्र भेजकर जिला सत्र न्यायाधीश और दीवानी बार के अध्यक्ष को अवगत करायेगे इसके बाद धरना-प्रदर्शन खत्म हो सकेगा। सूत्र की माने तो अधिवक्ताओ के इस आन्दोलन को लेकर जिला जज द्वारा प्रतिदिन हाईकोर्ट को अवगत कराया जा रहा था इसलिए इसे खत्म करने की पहल जिला जज ने किया। 
बैठक में प्रशासन के अधिकारी मामले को लेकर अनभिज्ञता की बात किए लेकिन उनके मुख्य द्वार पर अधिवक्ता प्रदर्शन करने की बात उठी तो डीओ पत्र शासन को भेजने की बात आयी प्रशासन ने सहमति भी दे दिया।
हलांकि अधिवक्ताओ के आन्दोलन के चौथे दिन पूरे जनपद के अधिवक्ताओ ने एक जुटता दिखाते हुए आन्दोलन को मजबूत बनाने का प्रयास किया लेकिन जिस राह पर आन्दोलन के जिम्मेदार अधिवक्ता चलने जा रहे है उससे यह संकेत मिलने लगा है कि आन्दोलन अधिक लम्बा अब नहीं चलेगा। सिटी मजिस्ट्रेट के खिलाफ बिना किसी कार्यवाई के ही खत्म हो सकता है। हलांकि युवा अधिवक्ता अन्तिम निर्णय तक लड़ने के मूड में है।
यहां एक बात और भी सामने आई है कि सिटी मजिस्ट्रेट के समर्थन में कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ भी सामने आ गया है और शासन को पत्र भेजकर मांग किया है कि अधिवक्ताओ के आन्दोलन के आगे झुक कर सिटी मजिस्ट्रेट के खिलाफ कार्रवाई न किया जाए अगर ऐसा हुआ तो कार्मचारी भी आन्दोलन करने को मजबूर हो जायेगा।
सूत्र की माने तो जफराबाद के विधायक एवं पूर्व मंत्री जगदीश नारायन राय ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अधिवक्ताओ की मांग स्वीकार करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग किया है। एक खबर और भी मिली है कि जिस भाजपाई जन प्रतिनिधि के समर्थन में सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा अधिवक्ता को जेल भेजा गया था वह भी शासन में सिटी मजिस्ट्रेट को सुरक्षित करने के प्रयास में लग गया है कुछ अधिवक्ताओ को फोन भी किया गया है। अब देखना है कि इस संघर्ष में जीत किसकी होगी अधिवक्ता  जीतेगा या सिटी मजिस्ट्रेट की जीत होगी।

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