माँ ने जिसे जन्म दिया उसी ने उसको अनाथ बना दिया,अब भीख मांगने को मजबूर है



जौनपुर। कलयुगी ऐसे भी पुत्र होते हैं कि जिसने जन्म दिया उसी मां को भीख मांगने के लिए अनाथ हालात में छोड़ देते है। कुछ इसी तरह का मामला जनपद के केराकत तहसील के थाना क्षेत्र केराकत का सामने आया है। एसडीएम ने पुलिस को निराश्रित मां को उसका हक दिलाने का आदेश तो दिया पुलिस खाना पूर्ति कर वापस अपने थाने पर लौट गयी अब गांव के प्रधान बृद्धा को रोटी का इन्तजाम करेंगे। 
मिली जानकारी के अनुसार बीते गुरूवार को दोपहर  भूख प्यास से बेहाल 80 वर्षीय एक वृद्धा ने एसडीएम कार्यालय पहुंचकर अपना दुखड़ा सुनाया तो एसडीएम और उनके चैंबर में मौजूद लोग भी हैरान रह गए। वृद्धा ने बताया कि उसके बेटे और बहू ने उसे घर से निकाल दिया है। वह चार दिनों से दर दर भटक रही है। एसडीएम ने केराकत पुलिस को निर्देश दिया कि वह मौके पर जाकर महिला की समस्या का समाधान कराएं। पुलिस मौके पर जरूर पहुंची लेकिन यह जिम्मेदारी ग्राम प्रधान पर थोपकर लौट गई।
केराकत कोतवाली क्षेत्र के सिझवारा निवासी रामसुख यादव और दुलारी देवी को दो बेटे राजेश और दिनेश हैं। दोनों भाइयों के बीच बंटवारे को लेकर विवाद हुआ तो दस दिन पहले पंचायत ने जमीन बंटवारे के साथ साथ माता पिता का भी बंटवारा कर दिया। पंचायत ने तय किया कि पिता रामसुख की देखभाल के लिए छोटे बेटे दिनेश को जिम्मेदारी दी गई जबकि मां दुलारी देवी की देखभाल और भरण पोषण की जिम्मेदारी बड़े पुत्र राजेश को दी गई। वृद्धा का आरोप है कि राजेश ने आठ दिनों तक उसकी ठीक से देखभाल की। इसी बीच राजेश ने अपने हिस्से की जमीन की मिट्टी एक ईंट भट्टा मालिक को बेंच दी। दुलारी देवी का कहना है कि इसके बाद राजेश ने उन्हें घर से निकाल दिया। गांव में इधर उधर भटक रही बुजुर्ग महिला पर किसी ने तरस खाई तो उसे लेकर एसडीएम कार्यालय पहुंच गए। महिला ने अपना दुखड़ा एसडीएम को सुनाया। एसडीएम चंद्र प्रकाश पाठक ने कोतवाली प्रभारी को निर्देश दिया कि वह मौके पर जाकर महिला को उसके घर में रहने का हक दिलाएं। कोतवाली प्रभारी वीआईपी ड्यूटी में थे तो मौके पर एक उप निरीक्षक को भेज दिया। उप निरीक्षक मौके पर पहुंचे तो ग्राम प्रधान से मिलकर उन्हें महिला को खाने पीने का इंतजाम करने को कहकर अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लौट गए। महिला बृहस्पतिवार शाम तक गांव में ही भटक रही थी। 
इस संदर्भ में एसडीएम चंद्र प्रकाश पाठक का कहना है कि अभी तो प्रयास किया जा रहा है कि बृद्धा के बच्चे उसके भरण-पोषण की व्यवस्था करें। यदि बच्चे आनाकानी करते हैं तो भरण पोषण अधिनियम के तहत बृद्धा के भरण-पोषण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जमीन में बृद्ध माता पिता को कानूनी रूप से हिस्सा दिलाने का काम तहसील प्रशासन जरूर करेगा। एसडीएम केराकत यह भी कहते हैं कि अभी मानवीय आधार पर बृद्धा के बच्चों को समझाया जा रहा है नहीं मानने पर कानूनी हथकंन्डा अख्तियार किया जायेगा।   



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