सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव की समधन को नगर आयुक्त ने जाने क्यों किया निलम्बित



नगर निगम जोन छह की जोनल अधिकारी और पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव की रिश्तेदार अम्बी बिष्ट को अनुशासनहीनता और काम में लापरवाही को लेकर नगर आयुक्त ने देर शाम निलंबित करने की संस्तुति शासन को भेज दी है। उनकी जगह जोन छह में नए जोनल अफसर की तैनाती भी कर दी गई है।
इस हाईप्रोफाइल मामले को लेकर सरकार में शीर्ष पदों पर बैठे कुछ नेताओं ने भी नगर आयुक्त से बात कर अम्बी की पैरवी की मगर नगर आयुक्त नहीं माने। ऐसे में अब यह विवाद आगे और गहरा सकता है। वहीं इस मामले को लेकर अम्बी ने नगर आयुक्त पर ही महिला अफसर से अभद्रता और बेवजह कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। उनका यह भी कहना है कि उनको एलडीए से लेकर नगर निगम तक सिर्फ इसलिए निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उनकी रिश्तेदारी प्रदेश के एक बड़े राजनैतिक परिवार से है। 
गृहकर वसूली, सफाई सहित अन्य कार्यों को लेकर नगर निगम मुख्यालय में शाम को बैठक हुई जिसमें नगर आयुक्त  ने अम्बी बिष्ट से कामकाज को लेकर पूछताछ की। नगर आयुक्त ने उनको मीटिंग से जाने को बोल दिया, जिससे विवाद और बढ़ गया। अम्बी बिष्ट की जगह पर नई आई उप नगर आयुक्त प्रज्ञा सिंह की तैनाती भी कर दी  गई।
जोनल अधिकारी अम्बी बिष्ट का कहना है कि काम में लापरवाही और अनुशानहीता का आरोप जो नगर आयुक्त लगा रहे हैं पहले वह यह तो बताएं कि काम में क्या लापरवाही की। सुबह से लेकर रात तक काम करते हैं। अब गोमती नगर और पुराने लखनऊ की बराबरी तो नही हो सकती। नगर आयुक्त को पुरानी खुन्नस है। उसी का बदला उन्होंने लिया और भरी मीटिंग में एक महिला से अभद्रता की। नगर आयुक्त का बार-बार यह कहना कि मैडम आप मीटिंग से जाइए। यह बहुत अपमानजनक है। उनको निलंबित करने का अधिकार नही है। वह सिर्फ शासन को रिपोर्ट भेज सकते हैं।
दो साल पहले नगर निगम कार्यकारिणी बैठक के दौरान भी अम्बी बिष्ट को महारानी कहने को लेकर खूब विवाद हुआ था। भाजपा के एक पार्षद ने उनको कार्यकारिणी बैठक में महारानी बोल दिया था। जिस पर वह नाराज हो गई थीं। इसे लेकर धरना-प्रदर्शन तक कार्यकारिणी में हो गया था मगर बाद में महापौर व अन्य अफसरों ने बीच बचाव कर शांत करा दिया था।
काम में लापरवाही और अनुशासनहीनता के मामले में जोन छह की जोनल अधिकारी अम्बी बिष्ट को निलंबित करने की संस्तुति की गई है। नई जोनल अधिकारी की तैनाती भी कर दी गई है। यदि कोई काम नहीं करेगा और अनुशासनहीता भी करेगा तो उसे कैसे सहन किया जाएगा। इसका प्रभाव अन्य कर्मचारियों और अफसरों पर भी पड़ेगा।

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