कन्या सुमंगला योजना में हुआ संशोधन अब नया नियम होगा लागू- मनीष कुमार वर्मा डीएम


जौनपुर। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के क्रियान्वयन में आ रही व्यवहारिक कठिनाईयों के परिप्रेक्ष्य में मूल शासनादेश के मार्गदर्शिका में उल्लिखित वर्तमान व्यवस्था में शासन के सचिव, उ0प्र0 शासन महिला एवं बाल विकास अनुभाग-3 के द्वारा संशोधन किया गया है। इस आशय की जानकारी देते हुए जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि उक्त के क्रम में वर्तमान व्यवस्था के अनुसार - वर्तमान समय में श्रेणी-1 (बालिका के जन्म होने पर) व श्रेणी-2 (बालिका के एक वर्ष तक के पूर्ण टीकारण के उपरान्त) के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के आवेदन पत्रों का स्थलीय व भौतिक सत्यापन क्रमशः उपजिलाधिकारी व खण्ड विकास अधिकारी द्वारा किया जाता है। 
 श्रेणी-3 (कक्षा प्रथम में बालिका के प्रवेश के उपरान्त) व श्रेणी-4 (कक्षा छः में बालिका के प्रवेश के उपरान्त) के आवेदन पत्रों का उपजिलाधिकारी/खण्ड विकास अधिकारी के सत्यापन के पूर्व खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा भी सत्यापन किया जाता है। इसी प्रकार श्रेणी-5 (कक्षा-9 में बालिका के प्रवेश के उपरान्त) व श्रेणी-6 (ऐसी बालिकायें जिन्होंने कक्षा-10वीं/12वीं उत्तीर्ण करके स्नातक अथवा 02 वर्षीय या अधिक अवधि के डिप्लोमा कोर्स में प्रवेश लिया हो) के आवेदन पत्रों का उपजिलाधिकारी/खण्ड विकास अधिकारी के सत्यापन के पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा भी सत्यापन किया जाता है। संषोधित व्यवस्था के अनुसार - श्रेणी-1 से श्रेणी-6 तक सभी श्रेणियों के आवेदन पत्रों की पात्रता की स्थलीय जॉच व भौतिक सत्यापन शहरी क्षेत्र में उपजिलाधिकारी एवं ग्रामीण क्षेत्र में खण्ड विकास अधिकारी द्वारा किया जायेगा। 
उप जिलाधिकारी/खण्ड विकास अधिकारी द्वारा किये जाने वाले स्थलीय भौतिक सत्यापन में खण्ड शिक्षा अधिकारी/जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा किये जाने वाले सत्यापन के बिन्दुओं पर भी जॉच/सत्यापन किया जायेगा।
वर्तमान व्यवस्था के अनुसार वर्तमान समय में योजना की 06 श्रेणियों का लाभ प्राप्त करने के लिये आवेदक द्वारा प्रत्येक श्रेणी के लिये पृथक-पृथक आवेदन किया जाना अनिवार्य है। संशोधित  व्यवस्था के अनुसार - आवेदक को किसी भी श्रेणी में आवेदन करने के पश्चात आगामी सभी श्रेणियों में सहजता से लाभ प्रदान करने हेतु पहली बार स्वीकृत होने के बाद आगामी श्रेणियों हेतु लाभार्थी बालिका का फार्म स्वतः संचालित सिस्टम के माध्यम से अग्रसारित किया जायेगा। आवेदन पत्र के अग्रसारण की सूचना पोर्टल जनित एस0एम0एस0 के माध्यम से लाभार्थी/आवेदक के पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर प्रेषित की जायेगी। 
स्वतः अग्रसारित आवेदन पत्र स्थलीय व भौतिक सत्यापन हेतु शहरी क्षेत्र में उपजिलाधिकारी एवं ग्रामीण क्षेत्र में खण्ड विकास अधिकारी को आनलाइन प्रेषित किये जायेगे, जिनके द्वारा क्षेत्रीय कार्मिकों (ग्राम पंचायत/ग्राम विकास अधिकारी, लेखपाल, या स्थानीय नगरीय निकाय के कार्मिकों, आंगनवाड़ी कार्यकत्री) के माध्यम से आवेदन पत्रों का स्थलीय व भौतिक सत्यापन कराया जायेगा। स्थलीय व भौतिक सत्यापन की आख्या के साथ संबंधित श्रेणी हेतु निर्धारित अतिरिक्त अभिलेख भी उपजिलाधिकारी/खण्ड विकास अधिकारी द्वारा अपलोड किये जायेगें। 
 सत्यापन के उपरान्त उपजिलाधिकारी/खण्ड विकास अधिकारी द्वारा पात्र आवेदन पत्र क्षेत्रीय कार्मिकों की आख्या सहित जनपद स्तरीय लॉगिन आई0डी0 पर अग्रसारित किया जायेगा।
वर्तमान समय में योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये लाभार्थी का बैंक खाता किसी राष्ट्रीयकृत बैंक या क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक में होना आवश्यक है। संशोधित व्यवस्था - योजना का लाभ प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीयकृत बैंक/क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के साथ भारतीय पोस्टल बैंक के खाते भी अनुमन्य होगें। आवेदक द्वारा आवेदन पत्र के साथ रू0 10 के स्टाम्प पत्र पर निर्धारित प्रारूप पर शपथ पत्र दिया जाना अनिवार्य है। संशोधित व्यवस्था - आवेदक द्वारा शपथ पत्र में स्थान पर निर्धारित प्रारूप पर स्वहस्ताक्षरित घोषणा पत्र उपलब्ध कराया जायेगा।  
योजना के विभिन्न श्रेणियों हेतु आवेदन करने की समय सीमा निर्धारित है-यथा श्रेणी 1 हेतु बालिका के जन्म 06 माह के अन्दर श्रेणी 3 व 4 हेतु 31 जुलाई या विद्यालय में प्रवेश की अन्तिम तिथि के 45 दिन के अन्दर (जो भी बाद में हो) तथा श्रेणी 5 व 6 हेतु 30 सितम्बर या विद्यालय में प्रवेश की तिथि अन्तिम तिथि के 45 दिन के अन्दर (जो भी बाद में हो)। संशोधित व्यवस्था - योजना की श्रेणी, 1 व 2 क लिये जन्म एवं टीकाकरण पूर्ण करने के एक वर्ष के अन्दर तथा श्रेणी 3 4 5 व 6 के लिये विद्यालय/शैक्षिक संस्थान में प्रवेश लेने वाले वित्तीय वर्ष में आवेदन करने की अनुमन्यता होगी।

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