शिक्षा की हृदय व आत्मा होती है लाइब्रेरीः अल्पना

अशोका इंस्टीट्यूट में ई-रिसोर्सेज पर सेमिनार

वाराणसी। अशोका इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी एंड मैनेजमेंट में स्प्रिंगर नेचर के एकाउंट डेवलपमेंट कमेटी की प्रमुख अल्पना सागवाल ने कहा कि लाइब्रेरी किसी भी शिक्षण संस्थान की हृदय और आत्मा होती है, जो ज्ञान का प्रसार करती है। इसके उपयोग के कई पहलू हैं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण है ई-रिसोर्सेज। स्टूडेंट्स और उपयोगकर्ता के लिए यह एक बेहतरीन प्लेटफार्म है। इससे स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई की गुणवत्ता सुधार सकते हैं। साथ ही दुनिया भर में हो रहे रिसर्च का फायदा भी उठा सकते हैं।
सुश्री सागवाल शुक्रवार को अशोका इंस्टीट्यूट की सेंट्रल लाइब्रेरी और रिसर्च एंड डेवलपमेंट द्वारा आयोजित सेमिनार में बोल रही थीं। अशोका की सेंट्रल लाइब्रेरी और रिसर्च एंड डेवलपमेंट कमेटी की ओर से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा कि ई-रिसोर्सेज के विभिन्न प्रारूपों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इसकी विस्तृत श्रृंखला को पहचानना, हासिल करना और उपलब्ध कराना स्प्रिंगर नेचर का लक्ष्य है। ई-रिसोर्सेज के जरिये स्टूडेंट्स और उपयोगकर्ता हर तरह की पुस्तकें, जनरल्स, पत्रिकाएं, डेटाबेस, और ऑडियो-विज़ुअल सामग्री आसानी से और कहीं भी हासिल कर सकते हैं। इसकी त्वरित और प्रभावी सेवाएं अकादमिक समुदाय की बदलती जरूरतों के अनुरूप हैं जो ई-किताबें, ई-पत्रिकाओं, और अन्य डेटाबेस जैसे इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों की ओर बढ़ रहा है। इसके जरिये शोध सहायता, परिसंचरण सेवाएं, डेटाबेस प्रशिक्षण सहायता, उपयोगकर्ता मार्गदर्शन सेवाएं, ग्रंथसूची सेवा, ऑनलाइन कैटलॉग इत्यादि जैसी सेवाएं मुहैया कराई जाती हैं। इसमें साइबर-लैब की सुविधाएं भी हैं, जो स्टूडेंट्स को उनके शोध, शिक्षण, और सीखने की जरूरतों में सहयोग करने के लिए सूचना सेवाएं प्रदान करती हैं। 
स्प्रिंगर नेचर के एकाउंट डेवलपमेंट कमेटी की प्रमुख अल्पना सागवाल ने ई-रिसोर्सेज की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि पूरी दुनिया ई-रिसोर्सेज की ओर बढ़ रही है। टेक्टिनिकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) नालंदा ई-कंस्टोटियम एक्सेस की सुविधा मुहैया करा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके जरिये जनरल्स और किताबें कैसे पढ़ी जा सकती हैं और किन-किन विषयों पर क्या-क्या पाठ्य सामग्री उपलब्ध है। उन्होंने बुक पब्लिशरों के बारे का ध्यान आकृष्ट कराया और कहा कि एजुकेशनल बुक प्रकाशित करने वाले पब्लिशर को किन-किन बिंदुओं पर ध्यान देना चाहिए। सेमिनार में स्प्रिंगर नेचर के एकाउंट मैनेजर (सेल्स) इंद्रेश कुमार भी मौजूद थे।
इससे पहले अशोका इंस्टीट्यूट की निदेशक डा.सारिका श्रीवास्तव ने स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए एकेटीयू की ओर से स्टूडेंट्स की गुणवत्ता सुधारने के लिए मुहैया कराई जा रही सुविधाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि टीचर और स्टूडेंट्स दोनों के लिए रिसर्च बहुत जरूरी है। अशोका इंस्टीट्यूट स्टूडेंट्स के शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए लगातार इस तरह का कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। सेमिनार के आखिर में डा.सारिका ने स्प्रिंगर नेचर के एकाउंट डेवलपमेंट कमेटी की प्रमुख अल्पना सागवाल को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर वंदना दुबे और लाइब्रेरी विभाग के प्रमुख प्रदीप कुमार सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। सेमिनार में अशोका स्कूल आफ आफ बिजनेस के निदेशक प्रो.सीपी मल्ल, स्कूल आफ फार्मेसी के प्रिंसिपल डा.बृजेश सिंह के अलावा डा.प्रीति कुमारी, डा.सौम्या श्रीवास्तव, प्रो.राजेंद्र तिवारी, डा.फरहान अहमद, डा.सना फातिमा, सुश्री सना रजा, शहारूक अली, सोमेंद्र बनर्जी समेत बड़ी संख्या में टीचर्स और स्टूडेंट्स मौजूद थे।

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