प्रधानमंत्री का उच्चतर शिक्षा अभियान से जुड़ना गौरव की बात - प्रो. वंदना सिंह



पूर्वाञ्चल विश्वविद्यालय को  पीएम- उषा योजना के तहत  20 करोड़ का अनुदान मिला 
जल,सोलर, हाईड्रोजन एनर्जी  समेत अन्य क्षेत्रों पर होगा शोध 

जौनपुर. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय को प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-उषा) योजना के अन्तर्गत 20 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है । देश के राज्य विश्वविद्यालयों  से प्रतिस्पर्धा स्तर पर पूर्वांचल विश्वविद्यालय को यह अनुदान पीएम-उषा योजना के ग्रांटस टू स्ट्रेनथेन यूनिवर्सिटी के अंतर्गत प्राप्त हुआ है। इस श्रेणी में देश के मात्र 52 विश्वविद्यालयों को अनुदान प्राप्त हुआ है जिसमें  पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने अपना जगह बनाया है। इस उपलब्धि पर कुलपति प्रो. वंदना सिंह को विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने बधाई दी है। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय निरंतर आगे बढ़े इसलिए हम सब मिलकर कार्य करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को अनुदान मिलना शिक्षा में उत्कृष्टता और नवाचार के प्रति विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता को दर्शाता है इससे शोध को और गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान से  जुड़ना गौरव की बात है।
उन्होंने बताया कि पीएम-उषा योजना के तहत यूनिवर्सिटी को 20 करोड़ रुपये का अनुदान मिला है. इसका उपयोग राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप विश्वविद्यालय को अंतरविषयक शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में उत्कृष्ट एवं विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय के रूप में विकसित करने के लिए किया जाएगा। अनुदान से भारत सरकार के द्वारा फोकस  विश्वस्तर के अंतरविषयक क्षेत्रों जैसे सोलर, हाईड्रोजन एनर्जी और वाटर रिसर्च के विभिन्न पहलुओं पर कार्य किया जाएगा। जिसके लिए विश्वविद्यालय में एक इन्टर डिसिप्लिनरी सेंटर फॉर वाटर एण्ड एनर्जी रिसर्च की स्थापना की जाएगी। साथ ही  विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के स्नातक, परास्नातक प्रयोगशालाओं को  उन्नयन किया जाएगा जिससे विश्वविद्यालय में प्रभावी रूप से शिक्षण एवं शोध कार्यों को बढ़ावा मिलेगा।
पीएम-उषा को-ऑर्डिनटर प्रो० मानस पाण्डेय ने कहा कि विश्वविद्यालय का लक्ष्य अनुसंधान और नवाचार के लिए  विश्वस्तरीय माहौल बनाना है, जिससे विश्वविद्यालय और उसके संबद्ध कॉलेजों दोनों को लाभ हो सके । विश्वविद्यालय द्वारा अनुदान का उपयोग ओपन डिस्टेंस लर्निंग(ओडीएल)/ऑनलाइन / डिजिटल शिक्षा के लिए बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए भी किया जाएगा, जिससे सामाजिक रूप से वंचित समुदायों के लिए उच्च शिक्षा के अवसर सुनिश्चित होंगे। साथ ही साथ रोजगारपरक पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे जिससे की छात्रों का समुचित विकास हो एवं रोजगार को बढ़ावा मिले इस प्रोजेक्ट के समिति में  डॉ० गिरिधर मिश्र, डॉ० धीरेन्द्र चौधरी तथा डॉ० धर्मेन्द्र सिंह आदि शामिल रहे।

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