आज का भारत सरदार पटेल की देनः प्रो. निर्मला एस मौर्य


जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती के उपलक्ष में राष्ट्रीय एकता दिवस के अंतर्गत सोमवार को एक व्याख्यान का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के राजनीतिक विज्ञान के डॉक्टर शंतेश कुमार सिंह ने कहा कि सरदार पटेल का आजादी के आंदोलन में एवं आजादी के बाद रियासतों के भारत में विलय को लेकर किए गए प्रयास उन्हें लौह पुरुष बनाते हैं। आजादी के दौरान उन्होंने 1918 में खोडा एवं 1928 में बरनौली सत्याग्रह में किसान आंदोलन का सफल नेतृत्व किया उन्होंने 562 रियासतों का भारतीय संघ में विलय करा कर अखंड भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
विशिष्ट वक्ता के रूप में चिल्ड्रन विश्वविद्यालय गांधीनगर के डॉ रौनक कुमार परमार ने कहा कि सरदार पटेल के जीवन के आरंभिक काल से ही उनमें नेतृत्व क्षमता के गुण विकसित थे। स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान उन्होंने किसानों को संगठित कर बारदोली सत्याग्रह को सफल बनाया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस मौर्य ने आशीर्वचन में कहा कि सरदार पटेल की दृढ़ निश्चय क्षमता के कारण हम जैसा भारत आज देख रहे हैं इसकी कल्पना भी नहीं कर पाते। भारत को अखंड बनाने में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। 
अतिथियों का स्वागत आयोजन समिति के प्रोफेसर अजय प्रताप सिंह ने और आभार आईक्यूएसी सेल के समन्वयक प्रो.. मानस पांडेय ने किया। इस अवसर पर प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो रामनारायण, प्रो. बीडी शर्मा, एनएसएस समन्वयक प्रो. राकेश यादव, डा. जगदेव, डा.मनोज मिश्र, डॉ जानह्वी श्रीवास्तव, डॉ प्रमोद कुमार यादव,डा. नीतेश जायसवाल, डॉक्टर धीरेंद्र चौधरी डॉ आशुतोष कुमार सिंह डॉ. रसिकेश, डॉ सुनील कुमार, डा. वनिता समेत कई शिक्षक उपस्थित थे

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