संविधान दिवस महोत्सव में संवैधानिक मूल्यों पर चलने तथा पालन करने और उसे बचाने का संकल्प


महाराजगंज (जौनपुर)। संविधान दिवस के अवसर पर ग्राम लमहन, विकास खंड महाराजगंज, जनपद जौनपुर में एक दिवसीय संविधान महोत्सव / संविधान जागरूकता का आयोजन सौहार्द मंच जौनपुर व सागर सोसायटी तथा बुद्धिस्ट इंडिया के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया जिसमे सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा संविधान के उद्देशिका और बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी के चित्र पर दीप प्रज्वलित और पुष्प अर्पित किया गया , तत्पश्चात दलित चेतना मंच के साथियों द्वारा "दे दिया है भीम जी ने प्यारा संविधान" जैसे संवैधानिक गीतों से समा बाधा फिर मुख्य अतिथि के रूप में प्रतापगढ़ से आए तरुण चेतना संस्थान के निदेशक नसीम अंसारी जी ने बताया की भारत का संविधान एक ऐसा अच्छा और सुंदर संविधान है जो हमे समता स्वतंत्रता न्याय और बंधुता की बात करता है , हमारा संविधान , देश और राष्ट्र की एकता और अखंडता की बात करता है , हमारा संविधान एक ऐसा आक्सीजन है जिसके बिना एक सेकेंड भी नहीं जिया जा सकता , यदि यह आक्सीजन रूपी अनमोल संविधान किन्ही कारणों से बंद हुआ तो समझो उसी दिन हमारे जीवन का अंतिम क्षण हो जाएगा , बिना इसे अंगीकृत व आत्मार्पित किए हम बहुत अधूरे है , इसकी रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य और धर्म है , विशिष्ट अतिथि एडवोकेट रणबहादुर यादव ने बताया की हमारे समाज की महिलाओं को न्याय के लिए दर दर भटकना पड़ता था परंतु आज संविधान की बदौलत जनपद न्यायालय में पांच पांच कोर्ट महिलाओं की सुनवाई हेतु बनाए गए है। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ कहे जाने वाले मीडिया के साथी संतोष कुमार ब्यूरो चीफ जौनपुर ने कहा की संविधान और लोकतंत्र की रक्षा और स्थापना में मीडिया की अग्रणीय भूमिकाएं होती है जिससे आज संवैधानिक मूल्यों और कर्तव्यों की जानकारी के अभाव में मीडिया अपनी निष्पक्ष इकाई की जिम्मेदारियों से दूर होती जा रहा है । 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ 29 अगस्त 1947 को डॉ भीमराव अंबेडकर प्रारूप समिति पर विचार किया सर्वप्रथम 9 दिसंबर 1946 में संविधान सभा की पहली बैठक हुई 26 नवंबर 1949 में संविधान पूर्ण रूप से बनकर तैयार हुआ अनुच्छेद 394 पहले से लिखा गया था संविधान चाहे जब बन लघु 26 जनवरी को ही होगा 16 आर्टिकल प्रभाव से 26 नवंबर 1949 को लागू किया गया संविधान बनने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन लगे 64 लाख रुपए का खर्चा हुआ 19 दिसंबर 1929 में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन में पंडित जवाहरलाल नेहरू को कांग्रेस का नया अध्यक्ष चुना गया इसी दिन पूर्ण स्वराज की मांग की गई फैसला लिया गया की जनवरी के आखिरी रविवार को देश को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा यही तारीख 26 जनवरी 1930 थी 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज की इस मांग को सार्वजनिक किया गया इसी दिन पंडित नेहरू ने लाहौर में रावी नदी के किनारे तिरंगा झंडा फहराया था इसी कारण 26 जनवरी 1950 को संविधान को पूर्ण रूप से लागू किया गया भारत शासन अधिनियम 1935 10 अलग-अलग देशों से संविधान में शामिल किया गया भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ भीमराव अंबेडकर भारतीय संविधान को लिखने वाले प्रेम बिहारी नारायण रायजादा थे उन्होंने अपने हाथों से संविधान लिखा था पंडित नेहरू ने उन्हें यह जिम्मेदारी सौंप थी प्रेम बिहारी नारायण रायजादा निशुल्क लिखा था उनका यह शर्त भी था संविधान में पहले पेज पर मेरा नाम अंतिम पेज पर मेरे गुरु का नाम होना चाहिए ऐसा ही हुआ सर्वप्रथम भारत के डॉ लक्ष्मीमल्ल सिंघवी के प्रयासों से सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन 1979 में प्रारंभ हुआ 2015 में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की 125 सी जयंती वर्ष पर 26 नवंबर 2015 को सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय ने इस दिवस को संविधान दिवस के रूप में मनाने के केंद्र सरकार के फैसले को अधिसूचित किया था उपर्युक्त बातों को उदय उत्तर दैनिक समाचार पत्र ब्यूरो चीफ संतोष कुमार ने अपनी बातों को रखा दोनो पैरो से दिव्यांग सपना गौतम ने शिक्षा पर जोर देते हुए कहा की शिक्षा हमारा मौलिक अधिकार है जिसे मिलना चाहिए अभिभावक शादी करने के बजाय शिक्षा प्रदान करने की कोशिश करे जो उनका मौलिक कर्तव्य है ।अध्यक्षता कर रहे ग्राम प्रधान वीरेंद्र पाल जी ने कहा हम सब अपनी दिनचर्या में जो भी चीजे इस्तेमाल करते है खाना पीना, बोलना डोलना, उठना बैठना ,आना जाना , सब भारतीय संविधान की देन है संविधान दिवस हमे आजाद होने ,शिक्षा ,सुरक्षा का और नागरिक होने का एहसास कराने का दिन है इस लिए संविधानिक मूल्यों को अंगीकृत करना ही हमारा परम कर्तव्य और दायित्व है ।अंत में कार्यक्रम की अगुआई कर रहे सौहार्द फेलो जौनपुर तथा सागर सोसाइटी के सचिव डा शेर बहादुर गौतम ने समस्त लोगो का आभार व्यक्त करते हुए संविधान की प्रस्तावना का शपथ दिलाया और साथ ही साथ आए हुए समस्त अतिथियों और वक्ताओं को संविधान की उद्देशिका भेंट किया । 
कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्राम प्रधान वीरेंद्र पाल जी तथा संचालन तीर्थराज मित्रा ने किया । उक्त कार्यक्रम में विद्या , संगीता , कोमल , अंकित , सालिकराम , राम अजोर, बुद्धिराम , सुदामा देवी , आदि सैकड़ों लोग उपस्थित रहे सागर सोसाइटी के सचिव डॉक्टर शेर बहादुर गौतम व उनकी पत्नी विद्या देवी कार्यक्रम करवा कर सफल बनाने मे अहम भूमिका थी।

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