भाजपा जनो ने अटल बिहारी वाजपेयी जी को दूसरी पुण्यतिथि पर किया याद


जौनपुर।  भारतीय जनता पार्टी के लाइन बाजार स्थित कैम्प कार्यालय पर भारत रत्न अटल विहारी वाजपेयी जी की दूसरी पुण्यतिथि पर जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह जी सहित भाजपा जनों ने वाजपेयी जी के चित्र पर पुष्प अर्पित करके श्रद्धाजंलि दिया  पुष्पराज सिंह  ने उनके व्यक्तित्व पर विचार प्रकट करते हुये कहा कि भारत मां के सच्चे सपूत, राष्ट्र पुरुष, हम सबके मार्गदर्शक, भारत रत्न पंडित अटल बिहारी वाजपेयी जी सही मायने में 'भारत रत्न' थे। जिन्होंने जमीन से जुड़े रहकर राजनीति की और जनता के प्रधानमंत्री के रूप में लोगों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई थी, भारत की राजनीति में मूल्यों और आदर्शों को स्थापित करने वाले राजनेता थे।और उनके कार्यों की बदौलत ही उन्हें भारत के ढांचागत विकास का दूरदृष्टा कहा जाता है, सबके चहेते और विरोधियों का भी दिल जीतने वाले अटल बिहारी वाजपेयी का सार्वजनिक जीवन बहुत ही बेदाग और साफ-सुथरा था। इसी बेदाग छवि और साफ-सुथरे सार्वजनिक जीवन की वजह से अटल बिहारी वाजपेयी जी का हर कोई सम्मान करता था। उनके विरोधी भी उनके प्रशंसक थे,  उन्होंने आगे कहा कि अटल बिहारी वाजपेयीजी की बातें और विचार सदैव तर्कपूर्ण होते थे अटल बिहारी वाजपेयी जी जब भी संसद में अपनी बात रखते थे, तब विपक्ष भी उनकी तर्कपूर्ण वाणी के आगे कुछ नहीं बोल पाता था। मछली शहर के सांसद बी पी सरोज ने उनके चित्र पर माल्यार्पण करते हुये कहा कि अपनी कविताओं के जरिए अटलजी हमेशा सामाजिक बुराइयों पर प्रहार करते रहे। उनकी कविताएं उनके प्रशंसकों को हमेशा सही रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करती रहेंगी। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारक से लेकर प्रधानमंत्री तक का सफर तय करने वाले युग पुरुष वाजपेयी जी ने अपने जीवन में पत्रकार के रूप में भी काम किया और लम्बे समय तक राष्ट्रधर्म, पांचजन्य और वीर अर्जुन आदि राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत अनेक पत्र-पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। उन्होंने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी जी सन् 1968 से 1973 तक भारतीय जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे, अटलजी 1957 से 1977 तक लगातार जनसंघ की ओर से संसदीय दल के नेता रहे। जिला उपाध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार सिंघानियां जी अटल बिहारी वाजपेयी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वाजपेयी जी ने विदेश मंत्री के रूप में संयुक्त राष्ट्र में हिन्‍दी में भाषण देने वाले देश के पहले वक्ता बने, उन्होंने ही लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जी के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी की स्थापना की और भाजपा के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। जिला महामंत्री सुशील मिश्र जी वाजपेयी जी के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुये कहा कि अटलजी तीन बार प्रधानमंत्री बने पहली बार 1996 में 13 दिन तक देश के प्रधानमंत्री रहे, 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी दूसरी बार 13 महीने तक देश के प्रधानमंत्री बने, उस कार्यकाल में अटल जी ने प्रधानमंत्री रहते हुए दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए पोखरण में पांच भूमिगत परमाणु परीक्षण विस्फोट कर सम्पूर्ण विश्व को भारत की शक्ति का एहसास कराया तीसरी बार 1999 मे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के रूप में सरकार बनाई और अटल सरकार ने भारत के चारों कोनों को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना की शुरुआत की और दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई व मुम्बई को राजमार्ग से जोड़ा गया।लगातार अस्वस्थ रहने के कारण अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनीति से संन्यास ले लिया, 
अटलजी को देश-विदेश में अब तक अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 2015 में भारत के सर्वोच्च सम्मान 'भारत रत्न' से सम्मानित किया। भारतीय राजनीति के युगपुरुष, श्रेष्ठ राजनीतिज्ञ और भारतमाता के सच्चे सपूत, पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी का 16 अगस्त 2018 को 93 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स में इलाज के दौरान निधन हो गया, किसी के सामने हार नहीं मानने वाले और 'काल के कपाल पर लिखने-मिटाने' वाली वह अटल और विराट आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गई, पुष्पाजंलि अर्पित करने में श्रीमती किरण श्रीवास्तव, जिला मंत्री अभय राय, पूर्व जिला मंत्री भूपेन्द्र सिंह, डीसीएफ चेयरमैन धनंजय सिंह, भूपेन्द्र पाण्डे, आमोद सिंह, सिद्धार्थ राय, अनिल गुप्ता,शुभम मौर्य आदि उपस्थित रहे।

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