बाहुबली पति की हनक और धनबल, बाहुबल के दम पर प्रथम नागरिक बनी श्रीकला सिंह रेड्डी बताती है जनता का आशीर्वाद


जौनपुर। जनपद की प्रथम नागरिक बनने वाली श्री कला सिंह रेड्डी का जन्म एक राजनैतिक परिवार में हुआ और था और अब शीदी भी एक दबंग राजनैतिक व्यक्ति से होने के पश्चात राजनीति में प्रवेश की पहली सीढ़ी पर ही एक बड़ी उचाई को प्राप्त करते हुए जनपद जौनपुर की प्रथम नागरिक बन गयी है। यानी जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी को निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ कर हथिया लिया है। उनके इस सफलता के पीछे पति की बड़ी भूमिका मानी जा रही है। 
बता दें जौनपुर जिला पंचायत अध्यक्ष बनी श्री कला सिंह रेड्डी मूल रूप से आन्ध्र प्रदेश तेलंगाना  में जन्म लिया है इनके पिता खुद एक राजनैतिक व्यक्ति रहे और निर्दल विधायक रहे है। इस तरह यदि कहा जाये कि श्री कला सिंह रेड्डी अपने बचपन से राजनीति का ककहरा सीखती रही है तो अतिश्योक्ति नहीं होगा। इसके बाद अब इन्होंने जनपद जौनपुर के बाहुबली नेता एवं पूर्व सांसद धनन्जय सिंह से शादी करने के बाद पिता के साथ पति की राजनैतिक गतिविधियों में शामिल हो गयी थी और अब खुद सियासत दान बन गयी है।
यहां बता दें कि श्री कला सिंह रेड्डी जौनपुर की राजनीति में पहली बार जनपद की मल्हनी विधानसभा सीट के लिए अक्टूबर 2020 के उप चुनाव में अपने बाहुबली पति धनन्जय सिंह के चुनाव प्रचार के समय चर्चा में आयी उसी समय इनकी जनता से मिलने की कार्यशैली और गरीब पीड़ित तथा बच्चों के प्रति इनकी रूझान आदि सहित उप चुनाव में संचालन के प्रबन्धन से सियासी गलियारे में यह चर्चा होने लगी कि श्रीकला सिंह रेड्डी जिले की राजनीति में बड़ी राजनैतिक शख्सियत के रूप में उभर सकती है। पति की अपराधिक पृष्ठ भूमि के कारण पुलिस की पति के खिलाफ होने वाली कार्यवाईयों से जरा भी विचलित न होने वाली महिला श्रीकला सिंह रेड्डी ने राजनीति में कदम बढ़ा दिया और पहली बार में एक बड़ी सफलता प्राप्त कर लिया है। 
अगर हम इनके विजनेश व्यापार की बात करें तो पिता तो एक बड़े व्यवसायी जरूर रहे लेकिन ससुराल पक्ष में किसी ऐसे व्यापारिक प्रतिष्ठान भले न हो लेकिन बाहुबली व पूर्व सांसद पति के ठेके आदि प्रदेश ही नहीं अन्य प्रदेशों में भी संचालित होने की खबर है। हलांकि इसमें श्रीकला सिंह रेड्डी की कोई भूमिका नहीं होने की खबर है। जनपद की राजनीति में इनका कोई उल्लेखनीय कार्य भले ही नहीं है लेकिन पति द्वारा बनाये गये राजनैतिक प्लेटफार्म पर सफलता पूर्वक दौड़ लगा रहीं है। 
पंचायत चुनाव के पहले ही शासन द्वारा आरक्षण जारी किये जाने के से ही जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर श्रीकला सिंह रेड्डी के पति एवं पूर्व सांसद धनन्जय सिंह की निगाह जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर टिक गयी थी। चुनाव से पहले जिला पंचायत सदस्य के चुनाव के दौरान ही श्रीकला सिंह रेड्डी के पति ने अपनी योजना के तहत एक दर्जन से अधिक लोंगो को अपने खर्चे चुनाव लड़वाया था। पंचायत चुनाव में श्रीकला को सदस्य बनवाने के बाद पति ने पहले सपा भाजपा सहित कई दलों से सम्पर्क कर पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ाने का प्रयास किया। लेकिन असफल होने पर निर्दल चुनाव मैदान में आ गयी। 
जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव आयोग में दलीय भावना त्याग कर मतदाता ( सदस्य जिला पंचायत ) पैसे पर बिकने को तैयार थे खरीद फरोख्त के इस खेल में श्रीकला सिंह रेड्डी बीस रहीं और पति की अपराधिक छबि इनके काम आ गयी और 83 सदस्यों वाली जिला पंचायत में  43 मत पाकर जीत का परचम लहरा दिया और जिले की प्रथम नागरिक बन गयी है। इस तरह कहा जाए कि तेलंगाना की सरजमीं पर जन्म लेने वाली श्रीकला सिंह उप्र के जनपद जौनपुर की प्रथम नागरिक बन गयी है तो वह अतिश्योक्ति नहीं हो सकता है। 
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में जीत दर्ज होने के बाद इनका बयान आया कि जिला पंचायत से भ्रष्टाचार खत्म किया जायेगा तथा ग्रामीण इलाको को पूरी इमानदारी के साथ विकास किया जायेगा। सफलता के उँचाई पर पहुंचने के लिए श्रीकला सिंह रेड्डी ने अपने पति को माना है कहा कि आज जहां पहुंची हूँ उसमे पति का बड़ा महत्व पूर्ण योगदान रहा है। पति के बाहुबल और धनबल से मिली इस जीत को जनता का आशीर्वाद मानती है।



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