सीएचसी मड़ियाहूं में जन्म लेने वाली दो बेटियों के माता-पिता आकांक्षा समिति द्वारा हुए सम्मानित



आकांक्षा समिति की अध्यक्ष डॉ अंकिता राज और सीएमओ डॉ लक्ष्मी सिंह ने दिया गिफ्ट हैंपर

माहवारी के समय की साफ-सफाई हेपेटाइटिस, एचआईवी आदि बीमारियों से बचाएगी - डॉ दिवा


जौनपुर । सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मड़ियाहूं में बरसठी ब्लाक के लखनपुर भउरस गांव की गुड़िया देवी और ओम प्रकाश तथा मड़ियाहूं ब्लाक के बंसदेव पट्टी की सोनी पाल और अजीत पाल को बेटी पैदा होने पर दोनों ही बेटियों के माता पिता को आकांक्षा समिति की अध्यक्ष डॉ अंकिता राज तथा मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ लक्ष्मी सिंह ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया। वहीं हाईजेन बर्ग शिक्षण सेवा संस्थान मड़ियाहूं में हुई गोष्ठी में दैनिक दिनचर्या में साफ-सफाई का महत्व बताया गया साथ ही दैनिक दिनचर्या के कारण होने वाले रोगों से अपना बचाव करने के बारे में जानकारी दी गई।
गोष्ठी में सीएचसी मड़ियाहूं की डॉ दिवा त्यागी ने माहवारी के समय की जाने वाली साफ-सफाई का महत्व बताया। उन्होंने कहा माहवारी के समय नैपकिन बदलने के बाद उसे डस्टबिन में डालना जरूरी है। नैपकिन बदलने के बाद हाथों का धुलना चाहिए। माहवारी के समय उपयोग किए कपड़े या सेनेटरी पैड को टीशू पेपर या पालिथिन में ही रखना चाहिए। यदि कपड़ा इस्तेमाल कर रहे हैं तो कपड़े को साबुन से धोने, धूप में सुखाने और प्रेस करने के बाद ही उपयोग करें। पैड बदलने के बाद नीचे के हिस्से को हमेशा सूखा रखें। दिन में दो या तीन बार पैड बदलें। यदि इतनी साफ-सफाई कर ली तो समझिए कि आप हेपेटाइटिस, एचआईवी, यूटीआई संक्रमण, यौन सम्पर्क तथा फंगस संक्रमण से होने वाली बीमारियों से बच गए।
सीएचसी मड़ियाहूं के ही डॉ दीप ने कहा कि दैनिक जीवन में खानपान और व्यायाम मात्र से कई बीमारियां दूर भगाई जा सकती हैं। इसलिए जंक फूड का कम से कम सेवन करें। खाने में नमक का कम इस्तेमाल करें। रोज कम से कम 30 मिनट का व्यायाम करें। व्यायाम में भी सबसे जरूरी दौड़ है। रात में 7-8 घंटे की नीद लें। तनाव से दूर रहें। इन सावधानियों से रक्तचाप और मधुमेह नियंत्रित रहेगा।
मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) डॉ जीएस लक्ष्मी ने शिशु स्तनपान की मां और शिशु के जीवन में उपयोगिता बताई। उन्होंने शिशु को जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान कराने पर जोर दिया। उन्होंने कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाने के पक्ष में एक से बढ़कर एक तर्क दिए। और माताओं को बहू से कभी बेटा ही पैदा करने के लिए दबाव न डालने को कहा। बेटियों को भी नसीहत दी कि इन सबका मतलब यह कतई नहीं है कि बेटियां खाना न बनाएं और मां के कामों में सहयोग न करें।
आकांक्षा समिति की अध्यक्ष डॉ अंकिता राज ने अपनी बेटियों के पैदा होने पर सास-ससुर और जेठ के खुशी जताने और लड्डू बंटवाने की बात बताकर बेटियों का महत्व रेखांकित किया साथ ही बताया कि बेटियां साफ-सफाई कैसे घर का बजट संभालने में योगदान देती है और फालतू की परेशानियों से मुक्त रखती है।
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी (एसीएमओ) डॉ राजीव कुमार ने गिरते लिंगानुपात पर चिंता जताई। उन्होंने इसके लिए मान्यताओं आदि को दोषी ठहराया। साथ ही अल्ट्रासाउंड केंद्रों के शिशुओं के लिंग निर्धारण की जांच को गैर कानूनी बताया।जिला प्रोबेशन अधिकारी अभय कुमार ने वन स्टाप सेंटर, जीरो ग्राउंड रिपोर्ट के बारे में जानकारी दी जबकि बाल संरक्षण अधिकारी चंदन राय ने बताया कि 1090, 181, 1076, 112, 1098, 102, 108 नम्बर का दैनिक जीवन में क्या उपयोग है।कार्यक्रम को प्रभारी चिकित्साधिकारी (एमओआईसी) डॉ एमएस यादव, स्कूल के प्रबंधक राहुल पांडेय तथा महिला थानाध्यक्ष किरन मिश्रा ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर महिला कल्याण अधिकारी नीता वर्मा, जिला समन्वयक प्रतिभा सिंह उपस्थित रही।

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