कई प्रान्तो में 03 सौ करोड़ के आर्थिक घोटाले बाज चढ़े पुलिस के हत्थे, पहुंचे जेल जानें पूरा मामला


पुलिस ने अन्तरप्रान्तीय घोटले बाज शातिर अपराधियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। 
अरुणेश सीता और बालचंद चौरसिया नाम के यह दो चेहरे भले ही आपको सामान्‍य लगते है लेकिन यह शातिर चेहरे 300 करोड़ रुपये से अधिक के आर्थिक घोटाले में शामिल थे। इन आरोपितों पर लंबे समय से पुलिस की नजर थी और अपराध के बाद इन पर सैकड़ों मुकदमे दर्ज किए गए थे। मुकदमा दर्ज होने के बाद से पुलिस को लंबे समय से यह आरोपित छका रहे थे। लेकिन, बलिया जिले से यह आरोप‍ित गिरफ्तार कर लिए गए तो अब घोटाले के राज सामने आने की उम्‍मीद जगी है। 
करोड़ों के घोटाले में वर्षों से फरार अभियुक्तों पर वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस का शिकंजा कस गया है। यूपी के आर्थिक अपराध सहित कई जनपदों से वांछित शातिर दिमाग अरुणेश सीता पुलिस के आखिरकार हत्थे चढ़ ही गया। बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में इस गिरोह के ऊपर सैकड़ों मुकदमे दर्ज हैं। 
लंबे समय से वांछित कमिश्नरेट पुलिस के जाल में शातिर अरुणेश सीता फंसा तो पुलिस ने भी उससे तमाम राज उजागर किए। बताया कि सैकड़ों भोले भाले लोगों को य‍ह गिरोह ठग चुका है। लगभग 300 करोड़ से अधिक का यह वित्तीय घोटाला करने के बाद फरार चल रहे थे। चार साल में रकम दोगुनी करने के फ्रॉड बांड स्कीम का मास्टर माइंड लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है। वहीं इकोनॉमिक ऑफेंस के पेचीदा केसेज वर्कआउट करने में वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस को इस केस के साथ ही एक बार फ‍िर सफलता मिली है।
क्राइम ब्रांच के प्रभारी अंजनी पांडे की टीम को इस मामले में जानकारी हुई तो आरोपित की तलाश शुरू कर दी।उधर इसी गिरोह का एक और डायरेक्टर बालचंद चौरसिया बलिया से गिरफ्तार कर लिया गया है। क्राइम ब्रांच टीम के सब इंस्‍पेक्‍टर राजकुमार पाण्डेय और सूरज तिवारी ऑपरेशन का हिस्सा थे। कई वर्षों से भूमिगत इन दोनों शातिर दिमाग अभियुक्तों को किसी भी राज्‍य की पुलिस खोज नहीं पा रही थी। कमिश्नरेट वाराणसी पुलिस आज इस शातिर को न्यायालय में पेश करने के साथ ही ज्यूडिशियल रिमांड की मांग करने की तैयारी में है ताकि घोटाले की रकम की जानकारी हो सके। वहीं सीपी ने गिरफ्तार करने वाली टीम को कैश रिवार्ड देने की घोषणा की है।
कौन है अरुणेश सीता : पटना का मूल निवासी अरुणेश सीता पहले रिलायंस लाइफ इंश्योरेंस में रीजनल मैनेजर के पद पर बिहार और पश्चिम बंगाल में काम करता था। उसके बाद 2010 में अपने कुछ साथियों अनिल त्रिवेदी और राशिद आदि के साथ मिलकर इंडस वेयर तथा अन्य कंपनिया खोलकर यह पॉन्जी स्कीम का धंधा दिल्ली में ऑफिस खोलकर शुरू किया। फिर देश के कई शहरों में इस नेटवर्क को फैलाया। अपने कंपनी में कई डायरेक्टर्स, लीडर्स और एरिया मैनेजर जैसे पदों पर अपने खास लोगों को बैठा कर महाठगी का धंधा शुरू किया।
इस तरह की कमाई : इन्वेस्टर से एफडीआर (Fix Deposit Reciept) और शेयर के नाम पर पैसे जमा कराए और उनसे पश्चिम बंगाल के वर्धमान में होटल, पटना में बेशकीमती जमीने और प्लॉट, दिल्ली में मॉल और कॉन्प्लेक्स में कमर्शियल प्रॉपर्टीयां खरीदी। अरुणेश ने एक फिल्म कंपनी भी लॉन्च किया। चार पांच भोजपुरी फिल्‍मों तक में पैसा लगाया गया था।गरीबों के रुपयों से खूब ऐश किया, फाइव स्टार होटल में सक्सेस पार्टियां देता था अरुणेश। पिछले एक दशक से पुलिस के चंगुल से यह शातिर बचता रहा है। लेकिन वाराणसी कमिश्नरेट के क्राइम ब्रांच के जाल में आखिरकार फंस ही गया।

Comments

Popular posts from this blog

पूर्व सांसद धनंजय सिंह के प्राइवेट गनर को गोली मारकर हत्या इलाके में कोहराम पुलिस छानबीन में जुटी

सपा ने जारी किया सात लोकसभा के लिए प्रत्याशियों की सूची,जौनपुर से मौर्य समाज पर दांव,बाबू सिंह कुशवाहा प्रत्याशी घोषित देखे सूची

21 अप्रैल को जौनपुर पहुंच कर लोकसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार का आगाज करेंगे बाबू सिंह कुशवाहा, जाने क्या है पूरा कार्यक्रम