तकनीकी खेती से बदलेगी किसानों की तकदीर: डॉ. दिनेश चंद्र
उन्होंने कहा कि जौनपुर एक कृषि प्रधान जनपद है और यहां खेती के क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं। यदि सभी संबंधित संस्थाएं समन्वय के साथ कार्य करें तो किसान परंपरागत खेती से आगे बढ़कर आधुनिक तकनीकों से बेहतर उत्पादन व आय अर्जित कर सकते हैं।
जिला कृषि कार्य योजना 2025-26 के तहत किसानों के लिए ₹6.78 करोड़ की लागत से प्रशिक्षण, प्रदर्शन और जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशन (NFSM) के अंतर्गत ₹4.26 करोड़ की राशि व्यय की जाएगी।
साथ ही श्री अन्न (मिलेट्स) पुनरोद्धार योजना को भी व्यापक स्तर पर लागू किया जाएगा।
जिलाधिकारी ने विशेष रूप से गौ-आधारित प्राकृतिक खेती और श्री अन्न की खेती को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। इससे उत्पादन लागत घटेगी और किसानों को बेहतर लाभ के साथ-साथ स्वच्छ पर्यावरण का लाभ भी मिलेगा।
उन्होंने उप कृषि निदेशक को निर्देशित किया कि किसानों को श्रेष्ठ कृषि संस्थानों में प्रशिक्षण व भ्रमण के अवसर दिए जाएं जिससे वे आधुनिक तकनीकों को अपनाकर आमदनी बढ़ा सकें। बैठक का संचालन उप परियोजना निदेशक डॉ. रमेश चंद्र यादव ने किया। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी ध्रुव खाड़िया, जिला विकास अधिकारी मीनाक्षी देवी, उप कृषि निदेशक हिमांशु पांडे, जिला कृषि अधिकारी विनय सिंह, जिला उद्यान अधिकारी डॉ. सीमा सिंह राणा, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुरेश कुमार कनौजिया, डॉ. आर. के. सिंह सहित बोर्ड के सभी सदस्य उपस्थित रहे।
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