केन्द्र सरकार ने शुरू कर दी अब बैंको के प्राईवेटाईजेसन की तैयारी, ये चार बैंके जद में



केंद्र सरकार ने बैंकों को लेकर प्राईवेटाईजेसन की तैयारियों शुरू कर दी हैं। सरकार अब जल्द ही 4 सार्वजनिक बैंकों में अपनी पार्टनरशिप बेचने की तैयारी में लगी हुई है। बस कुछ ही दिनों में ये प्रोसेस तेजी पकड़ लेगा ऐसा संकेत सरकार के वित्त मंत्रालय ने दिया है । ऐसे में इन सार्वजनिक बैंकोंं के निजीकरण की सारी रूकावटों को खत्म कर दिया जायेगा । जिन बैंकों को निजी हाथों में सौंपना है, उनके नाम है - पंजाब एंड सिंध बैंक, यूको बैंक, आईडीबीआई बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इन बैंकों को चालू वित्त वर्ष के दौरान ही निजी कंपनियों को बेचने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।
ताजा मिली खबरों के अनुसार, पीएमओ ने सीनियर अधिकारियों से कहा है कि इन चारों बैंकों को निजी हाथों में बेचने से संबंधित सारी प्रक्रियाएं जल्द से जल्द पूरी की जाएं। पीएमओ की तरफ से इस दिशा में तेज फैसले लेने को कहा गया है।
साथ ही सरकारी सूत्रों के अनुसार, इन चारों बैंकों में सरकार अपनी पार्टनरशिप बेच देगी। देश में कोरोना वायरस की वजह से टैक्स कलेक्शन में आई कमी को देखते हुए सरकार का रेवेन्यू बढ़ाना मुश्किल हो रहा है।
जिसके चलते सरकार इन बैंकों को निजी हाथों में बेच कर पैसा जुटाने की बात कर रही है और यही वजह है कि इनके प्राइवेटाइजेशन पर जोर दिया जा रहा है।
केंद्र सरकार देश में महज चार बड़े बैंक चाहती है। ऐसे में बैंकों का एनपीए लगातार बढ़ता जा रहा है। जिसको ध्यान में रखते हुए बैंकिंग सेक्टर में सुधार के लिए ज्यादा बैंक सरकार की इस दिशा में उठाए जा रहे कदम में बाधा बन सकते हैं इसलिए सरकार अपने अधिकतर बैंकों को प्राइवेट सेक्टर को सौंपना चाहती है।

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