पीएच.डी. संघर्ष मोर्चा ने दिया कुलपति को ज्ञापन



 जौनपुर।  पीएच.डी. संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधित्वकर्ता दिव्यप्रकाश सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने आज विश्विद्यालय के नवागत कुलपति महोदया से मिलकर शोध परीक्षा में बरती जा रही अनियमितता को तत्काल संशोधित करने हेतु पत्रक सौपा।

प्रतिनिधिमंडल के सदस्य व अधिवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि विश्विद्यालय में विगत तीन वर्षों से पीएच डी प्रवेश परीक्षा सम्पन्न कराई जा रही है परंतु वर्ष 2020 की प्रवेश परीक्षा में शोध अभ्यर्थियों के लिए अर्हता में बदलाव करते हुए स्नातकोत्तर उत्तीर्ण छात्रों को आवेदन व परीक्षा में सम्मिलित होने से वंचित कर दिया गया है जिसे संसोधित कर स्नातकोत्तर छात्रों को भी मौका मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्विद्यालय का यह फैसला पूर्णतया तानाशाही ओर आधारित है जिसका पीएच डी संघर्ष मोर्चा पूरी तत्परता से विरोध करेगी।


ज्ञापन सौंपते हुए सपा नेता अतुल सिंह ने कहा कि पीएच डी में हो रही बार बार अनियमितता भ्रस्टाचार शैक्षिक अर्हता में बदलाव विश्विद्यालय के शोध शिक्षा प्रणाली पर बड़ा प्रश्नवाचक चिन्ह है जैसा कि सभी को ज्ञात है कि पूर्व में कुलपति द्वारा जिस तरीके से भ्रस्टाचार का खेल खेला गया वह किसी से छुपा नही है ऐसी कार्यप्रणाली यह दर्शाती है कि विश्विद्यालय शोध शिक्षा के स्तर को लगातार गिरावट के तरफ ले जा रही है पीएच डी संघर्ष मोर्चा ऐसी व्यवस्था का पुरजोर विरोध करेगा व नवागत कुलपति महोदया से आग्रह करता है कि शोध शिक्षा में व्याप्त अनियमितता व भ्रस्टाचार को तत्काल लगाम लगाने का काम करे व विश्विद्यालय की गरिमा को बचाने में अपनी प्रमुख भूमिका का निर्वहन करें। इस अवसर पर विनय यादव,  संजय सोनकर गोपाल, अभिषेक यादव, सोनू, निर्भय, नवीन वर्मा, अमन सिंह, गौरव, रिसभ सिंह समेत तमाम प्रतिनिधिमंडल के सदस्यगण उपस्थित रहे।


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