सह मात के खेल में पुलिस ने पूर्व सांसद धनन्जय सिंह को दे दी मात,अधर में लटकी जमानत याचिका



जौनपुर। जिले में  नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर  अभिनव सिंघल के द्वारा थाना लाईन बाजार में बाहुबली नेता एवं पूर्व सांसद धनन्जय सिंह तथा उनके साथी विक्रम सिंह के खिलाफ दर्ज करायी गयी एफ आई आर और जमानत को लेकर पुलिस एवं अभियुक्त के बीच चल रहे सह मात के खेल में पुलिस ने अभियुक्त को ऐसी मात दिया है कि जमानत याचिका लटक गयी अब न्यायालय में परीक्षण शुरू हो जायेगा और घटना के बाबत गुण दोष के आधार पर न्यायाधीश अपना निर्णय देंगे। परीक्षण शुरू होने पर जमानत पर न्यायालय विचार नहीं करती है। पुलिस ने इस मामले में न्यायालय में अपनी चार्जशीट दाखिल कर दिया । इसके बाद जमानत का मामला गम्भीर हो गया है। 
यहाँ बतादे कि कि विगत माह 10 मई 20 को नामामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर अभिनव सिंघल ने थाना लाईन बाजार में धनन्जय सिंह और उनके साथी विक्रम सिंह के खिलाफ मुकदमा लिखाया था कि उसका अपहरण करते हुए असलहे के दम पर उससे रंगदारी मांगी गई थी। पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत करने के तत्काल बाद रात्रि में ही दबिश देकर बाहुबली नेता एवं पूर्व सांसद धनन्जय सिंह तथा उनके साथी विक्रम सिंह को उनके आवास से गिरफ्तार कर जेल रवाना कर दिया तभी से धनन्जय सिंह जेलमें कैद है 
लगातार जमानत के लिये याचिका दाखिल करते चले आ रहे थे लोअर कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद उच्च न्यायालय इलाहाबाद प्रयागराज में जमानत याचिका दाखिल है जिसमें लगातार तिथियाँ ही पड़ती रही है। इसी बीच लगभग एक माह पहले मुकदमा वादी अभिनव सिंघल जौनपुर के दीवानी न्यायालय में मजिस्ट्रेट के समक्ष हलफनामा देते हुए खुद उपस्थित हो कर अपने मुकदमे से मुकर गया और कहा कि उससे कोई न तो रंगदारी मांगी गयी, न ही उसका अपहरण ही किया गया। उसी को आधार मानकर कर एडीजे प्रथम ने धनन्जय सिंह के साथी विक्रम सिंह को जमानत पर रिहा कर दिया तब लगने लगा कि अब उच्च न्यायालय इलाहाबाद प्रयागराज से धनन्जय सिंह को भी जमानत मिल जायेगी। 
लेकिन पुलिस ने एक नयी चाल चली मुकदमे की विवेचना कर रहे विवेचक ने हाई कोर्ट में जमानत याचिका की पेशी के दो दिन पहले ही आरोपी मानते हुए अभियोग पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया। पुलिस के विवेचक ने अभिनव सिंघल को न्यायालय में मुकरने को नहीं माना और विधिक प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ा दिया जिसका परिणाम रहा कि जमानत याचिका अब अधर में लटक गयी है। अब इस मुकदमे का परीक्षण शुरू हो जायेगा। न्यायालय साक्ष्य और सहादत के पश्चात आरोप पर अपना निर्णय देता है। 
हलांकि आज 7 अगस्त को उच्च न्यायालय इलाहाबाद प्रयागराज में जमानत याचिका पर बहस की तारीख लगी थी लेकिन उसमें आगे की तिथि 13 अगस्त मुकर्रर कर दिया गया है। जो यह संकेत करता है कि जमानत का मामला लटक गया है। यहां पर बाहुबली नेता एवं पूर्व सांसद धनन्जय सिंह की जमानत में एक और सबसे गम्भीर बाधा आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है कि गत दिवस सुप्रीम कोर्ट ने कानपुर के विकास दूबे के मामले में सुनवाई के दौरान बड़ा सवाल किया कि 8 मुकदमों से अधिक मुकदमा वाले अभियुक्त को जमानत पर बाहर क्यों और कैसे किया गया था। सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी से उसके अधीन सभी न्यायालय अब इस मुद्दे पर गम्भीर हो गये है। इसलिए यह भी अनुमान है कि पूर्व सांसद धनन्जय सिंह की जमानत पर सुप्रीम कोर्ट के उक्त टिप्पणी भी प्रभावी हो सकती है। जो भी हो पूर्व सांसद धनन्जय सिंह की जमानत याचिका का मामला लगातार लटकता ही जा रहा है। अब चर्चा होने लगी है कि पूर्व सांसद जेल से बाहर आयेंगे या लम्बे समय तक जेल के सीखचों में ही कैद रहेंगे। 





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