*एक्टिव हुआ मानसून, अब पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में घटेगी बारिश की कमी, खेतों में लौटेगी हरियाली*
पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में पिछले 8 से 10 दिनों में अच्छी बारिश दर्ज की गई है। इस बारिश ने दोनों राज्यों में मौसमी वर्षा की कमी को काफी हद तक कम कर दिया है। कई जिलों में तो तेज बारिश के कारण निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति तक बन गई।
*बिहार में जल्द ही फिर से जोर पकड़ेगी बारिश*
हालांकि पिछले दो दिनों में बिहार में वर्षा की गतिविधियाँ थोड़ी धीमी हुई हैं, लेकिन जल्द ही बारिश एक बार फिर शुरू होने वाली है। दक्षिण बांग्लादेश और उससे सटे इलाकों में एक निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है। यह सिस्टम धीरे-धीरे भारत के भीतर आएगा और वर्तमान में हिमालय की तराई के पास स्थित मानसून ट्रफ को नीचे खींचकर गंगा के मैदानी क्षेत्रों की ओर ले आएगा।
*अगले चौबीस घंटों के बाद तेज होगी बरसात*
पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में अगले 24 घंटों के दौरान हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। हालांकि, 9 अगस्त से मानसूनी गतिविधियां तेज़ी से बढ़ने लगेंगी। खासकर 11 और 12 अगस्त के बीच कुछ स्थानों पर भारी बारिश भी देखने को मिल सकती है।
*अगले आठ -दस दिनों तक सक्रिय रहेगा मानसून*
इस नए दौर के साथ मानसून की स्थिति अगले 8 से 10 दिनों तक सक्रिय बनी रह सकती है, जिससे इन राज्यों में वर्षा की कमी पूरी होने की संभावना है। यह नया बरसाती सिलसिला किसानों के लिए बेहद राहतभरा साबित हो सकता है, जो काफी समय से अच्छी बारिश का इंतज़ार कर रहे थे।
*धान की रोपाई को मिलेगी नमी, खेतों में फिर से लौटेगी हरियाली*
अभी खेतों में नर्सरी तैयार है, इसीलिए आगे आने वाली बारिश मिट्टी में नमी की आपूर्ति करेगी जो धान की रोपाई (transplantation) के लिए अत्यंत आवश्यक है। यह नया बारिश का दौर खेती के काम को फिर से शुरू करने में मदद करेगा और उन किसानों को राहत देगा जो अब तक परेशान और चिंता में थे।
*जलस्तर में सुधार और सिंचाई संसाधनों को मिलेगा लाभ*
केवल फसल ही नहीं, यह बारिश भूमिगत जलस्तर को भी पुनर्जीवित करेंगी। जिससे तालाबों, नहरों और जलाशयों में जलस्तर बढ़ जाएगा, जो सिंचाई के लिए आवश्यक संसाधनों को मजबूती देगा। अगर पूर्वानुमान सटीक साबित होता है, तो आने वाले दिनों में बुवाई तेज हो जाएगी और अधिकांश क्षेत्रों में कृषि कार्य सामान्य हो जाएंगे। खरीफ सीजन के इस चरण में समय पर बारिश का होना एक अच्छे उत्पादन की नींव रखता है, जिससे किसानों को भविष्य में लाभ मिलने की पूरी उम्मीद है।
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