शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ और कुलपति के बीच छिड़ी जंग अब लेने लगी व्यक्तिगत स्वरूप



जौनपुर।  पूर्वांचल विश्वविद्यालय में शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ एवं कुलपति के बीच कर्मचारी समस्याओं को लेकर छिड़ी जंग अब व्यक्तिगत स्वरूप लेने लगी है। आर एस एस से संरक्षण प्राप्त हिटलरशाह कुलपति पूर्वांचल विश्वविद्यालय के द्वारा कर्मचारी नेताओं के स्थानान्तरण से लेकर उन्हें खुलेआम नोटिस दे कर धमकाया जा रहा है। हलांकि की कर्मचारी संघ भी कुलपति के गीदड़ भभकी के दबाव में आने को तैयार नहीं है। कर्मचारी आर पार की जंग पर उतारू हो गया है। 
___________________________________
बाक्श
[बढ़ा कार्यकाल भी अब खात्मे की तरफ है लेकिन अभी तक प्रदेश की राज्यपाल द्वारा पूर्वांचल विश्वविद्यालय के लिए नये कुलपति की घोषणा न करने पर महामहिम राज्यपाल भी सवालों के कटघरे में है खबर है कि अभी तक कुलपति के लिए पैनल ही नहीं बनाया जा सका है जिससे वर्तमान कुलपति तानाशाह हो गया है।] 
___________________________________

यहाँ बतादे कि विगत लगभग एक माह से कर्मचारियों की कुछ समस्याओं और मांगो को लेकर शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ और कुलपति के बीच रस्सा कस्सी जबरजस्त चल रही है। कुलपति अपने समझौते से मुकरते हुए कर्मचारियों की मांग मानने से इनकार कर रहे हैं तो कर्मचारी संघ के लोग समझौते का पालन कराने पर अड़े हुए हैं कई दिनों तक विश्वविद्यालय में ताला बन्दी कराते हुए अधिकारी तक को नहीं बैठने दिया। 
              कुलपति प्रो राजा राम यादव 

इससे नाराज कुलपति प्रो राजा राम यादव ने अपने विशेष कार्याधिकारी के बी एस तोमर के माध्यम से 15 जुलाई 20 को शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष एवं महामंत्री को नोटिस भेजा है कि कर्मचारी संघ के लेटर पैड पर कुलपति को लिखा गया संरक्षक नाम तत्काल हटाय जाये अन्यथा विधिक कार्यवाही की जा सकती है। 
इस पर शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रामजी सिंह का कथन है कि विगत वर्षों पूर्व शिक्षणेत्तर कर्मचारी संघ का संविधान बनते समय कुलपति की सहमति से पदेन कुलपति को संरक्षक बनाया गया था। किसी व्यक्ति बिशेष को संरक्षक नहीं बनाया गया बल्कि पदेन कुलपति संरक्षक माना जाता है क्योंकि विश्वविद्यालय का वह मुखिया होता है। 
               अध्यक्ष रामजी सिंह 
इसके अलावां कुलपति ने कर्मचारी संघ के लोगों से नाराज होकर अब स्थानान्तरण की गाज गिराने की तैयारी में है हलांकि इसे लेकर कर्मचारी आन्दोलन की सूचना दे चुका है इस लिए कुलसचिव के स्तर से स्थानान्तरण सूची जारी नहीं की गयी है जैसे ही सूची जारी होगी कर्मचारी एलाने जंग कर देगा इसकी तैयारी भी है। 
कर्मचारी संघ के लोगों का यह भी कथन है कि कुलपति से विवाद के चलते कुलसचिव अवकाश पर चले गये तो कुलपति ने विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार एक आकंठ भ्रष्टाचारी शिक्षक को कुलसचिव का प्रभार दे दिया था। बाद में कुलसचिव आये भी तो कुलपति काम नहीं ले रहा है बल्कि अपने स्तर से मनमानी कर रहा है। 

Comments

Popular posts from this blog

धनंजय की जमानत के मामले में फैसला सुरक्षित, अगले सप्ताह आयेगा निर्णय

धनंजय सिंह को जौनपुर की जेल से बरेली भेजने की असली कहांनी क्या है,जानिए क्या है असली खेल

धनंजय सिंह को जौनपुर जेल से बरेली जेल भेजा गया