मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन की हालत में नहीं कोई सुधार, वेंटिलेटर पर शिफ्ट


लखनऊ: मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन की हालत गंभीर होती जा रही है। वह बीते एक महीने से भी ज्यादा समये से राजधानी लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती है। जहां उनकी हालत गंभीर बतायी जा रही है। लालजी टंडन वेंलिटेटर पर हैं। मेदांता के निदेशक डा. राकेश कपूर के मुताबिक, राज्यपाल टंडन को कोमोर्बिटीज और न्यूरो मस्कुलर की समस्या है। इससे उन्हे सांस लेने में दिक्कत हो रही है। जिसके कारण उन्हे फिर से वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया है और उनकी डायलिसिस की जा रही है।

बता दें कि राज्यपाल लालजी टंडन को बीते माह 11 जून को मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहीं, 13 जून को वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया। बीच में दो दिन उन्हे बाई-पैप मशीन पर रखा गया। 13 जून को ही पेट में रक्तस्राव होने पर उनका ऑपरेशन किया गया। इसके बाद से वह लगातार क्रिटिकल केयर वेंटिलेटर पर थे। बीच-बीच में कुछ देर के लिए वेंटिलेटर हटाया गया। 27 जून को उन्हें प्रेशर में ऑक्सीजन देने के लिए बाई-पैप मशीन पर रखा गया लेकिन, उन्हें राहत नहीं मिली। लिहाजा, उनको फिर से क्रिटिकल केयर वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया।

विशेषज्ञों के अनुसार, बाई-पैप और वेंटिलेटर दोनों मैके निकल वेंटिलेशन मशीनें हैं। मरीज यदि गंभीर है और बेहोशी में नहीं है। मगर, सांस लेने में असमर्थ है। कार्बन डाई ऑक्साइड बाहर नहीं निकाल पा रहा है। ऐसी स्थिति में बाई-पैप मशीन का सपोर्ट दिया जाता है। इसमें मुंह-नाक पर मास्क लगाकर प्रेशर में ऑक्सीजन दी जाती है। वहीं, मरीज में बेहोशी आने लगे, शरीर में अम्लता बढ़ जाए, कॉर्बन डाई ऑक्साइड और बढ़ जाए तो ऐसी स्थिति में मरीज अति गंभीर होने लगता है। उसे वेंटिलेटर सपोर्ट देना बेहतर रहता है। इसमें मरीज के गले के पास ट्रैकियोस्टमी की जाती है। उसमें इंडोट्रैकियल ट्यूब डाल दी जाती है। इसके जरिये डायरेक्ट ऑक्सीजन पहुंचती है।

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