कर्मयोग, मद्य निषेध और विकसित भारत विषयक गोष्ठी में सामाजिक समरसता व नशा-मुक्ति पर जोर

जौनपुर। कलेक्ट्रेट प्रेक्षागृह में रविवार को “कर्मयोग, मद्य निषेध एवं विकसित भारत” विषय पर एक महत्वपूर्ण गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें समाजिक समरसता, नशा-मुक्ति, जनजागरण तथा राष्ट्र निर्माण पर सारगर्भित चर्चा हुई। कार्यक्रम का शुभारम्भ अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण एवं सैनिक कल्याण विभाग तथा महानिदेशक उपाम श्री वेंकटेश्वर लू (IAS) द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर किया गया।
जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र, मुख्य राजस्व अधिकारी अजय अम्बष्ट, अपर जिलाधिकारी राम अक्षयबर चौहान, अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रतिनिधि डॉ. संजय चतुर्वेदी, इस्कॉन परिवार के दिव्य नितायी दास सहित अनेक अधिकारी, शिक्षक, प्राचार्य एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

मुख्य अतिथि श्री वेंकटेश्वर लू ने अपने संबोधन में कहा कि जनजातीय समाज को मुख्यधारा से जोड़ना, सामाजिक समरसता बढ़ाना और राष्ट्रीय एकता सुदृढ़ करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि विविधता में एकता बनाए रखने, संकीर्णता समाप्त करने और सामाजिक समन्वय बढ़ाने से ही राष्ट्र का समग्र विकास संभव है।
उन्होंने कर्मयोग, सेवा-भाव और सद्भावना को समाज की प्रगति का मूल आधार बताया। काम, क्रोध और लोभ को मानव जीवन के पतन का कारण बताते हुए उन्होंने युवाओं से निस्वार्थ कर्म और सकारात्मक सोच अपनाने का आह्वान किया।

जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने कहा कि समाज और प्रशासन के बीच संतुलित विकास सुनिश्चित करने में आध्यात्मिक संस्थाओं की बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि गायत्री परिवार संस्कारित और जिम्मेदार नागरिक तैयार करने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। उन्होंने लोगों से समर्थ पोर्टल पर अपने सुझाव दर्ज कराने की अपील भी की।

गायत्री परिवार के प्रतिनिधि डॉ. संजय चतुर्वेदी ने कहा कि गायत्री परिवार वैश्विक स्तर पर संस्कारवान मानव निर्माण का आंदोलन है, जो गांव-गांव तक नैतिकता, संस्कृति और जीवन मूल्यों को मजबूत कर रहा है।

इस्कॉन परिवार के दिव्य नितायी दास ने कर्मयोग, राष्ट्र निर्माण और भारतीय संस्कृति की गौरवशाली परंपरा पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के मिशन कर्मयोगी का उद्देश्य प्रत्येक नागरिक को कर्मयोगी बनाकर देश को परिणाम-आधारित कार्य संस्कृति की ओर ले जाना है। उन्होंने कर्म के तीन आयाम—कर्मभोगी, कर्मत्यागी और कर्मयोगी—पर प्रकाश डालते हुए युवाओं से राष्ट्रहित सर्वोपरि रखने की अपील की।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ने विद्यालयों से आए प्राचार्यों एवं अधिकारियों को श्रीमद्भगवद्गीता की पुस्तक भेंट की। जिलाधिकारी ने अपनी पुस्तक “कर्मकुभ” मंचासीन अतिथियों को प्रदान की।

अंत में मुख्य अतिथि द्वारा उपस्थित लोगों को नशा-मुक्ति की शपथ दिलाई गई और कार्यक्रम राष्ट्रगान के साथ संपन्न हुआ।

कार्यक्रम का संचालन सलमान शेख ने किया तथा मुख्य विकास अधिकारी ध्रुव खाड़िया ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। उपस्थित लोगों में विभिन्न विभागों के अधिकारी, शिक्षक, छात्र एवं सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल रहे।

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