सवाल: जांच अधिकारी ही बताये विकास भवन के भ्रष्टाचारी सिन्डीकेट की जांच कब होगी ?


जौनपुर। जिला विकास भवन में कर्मचारियों के सिन्डीकेट द्वारा जिले के सफाई कर्मियों से 10 वर्ष की सेवा के उपरांत एसीपी लगाने एवं 1045 सफाईकर्मियों की तत्कालीन सीडीओ के फर्जी एवं अवैध हस्ताक्षर से नियम विरुद्ध ट्रांसफर कर लाखों की वसूली की खबर न्यूज़ पोर्टलों एवं सोशल मीडिया में प्रमुखता से छपने  को संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी जौनपुर ने अपने पत्र सँ0-(1)/ओ0एस0डी0 -2020 दिनांक 26 जुलाई,2020 द्वारा सीडीओ जौनपुर की अध्यक्षता में एडीएम वित्त एवं राजस्व  तथा जिला कोषाधिकारी जौनपुर की एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी गठित करते हुए  10 दिनों के अंदर प्रकरण की पूरी जांच रिपोर्ट माँगी थी।जिस पर गठित जाँच कमेटी द्वारा कोई भी कार्यवाही अभी तक नहीं की गयी है। दूसरी ओर जौनपुर के सफाई कर्मियों के आर्थिक शोषण का मामला तूल पकड़ने पर उप निदेशक पंचायतीराज वाराणासी द्वारा भी अपने पत्र सँ0-567/एस0टी0-1/मं0पं0/1216/ 2020-21,दिनांक 10 अगस्त,2020 द्वारा पूरे प्रकरण को घोर आपत्ति जनक बताते हुए डीआरडीओ  जौनपुर से 2 दिनों के अंदर सम्पूर्ण प्रकरण की रिपोर्ट तलब की गयी थी। विभागीय उच्चाधिकारी उपनिदेशक पंचायतीराज का स्पष्ट आदेश प्राप्त होने के लगभग 10 दिन व्यतीत हो जाने उपरांत भी इस अतिगम्भीर प्रकरण पर डीआरडीओ एवं जिलाधिकारी के आदेश से गठित उच्च स्तरीयजाँच समिति के स्तर से प्रकरण पर कोई भी कार्यवाही नहीं किया जाना जांच कमेटी और डीपीआरओ को सवालों के कटघरे में खडा कर दिया है। आखिर अभी तक उच्च अधिकारियों के आदेश का पालन क्योँ नहीं हुआ है कहीं अधिकारी सिन्डीकेट के सदस्यों को बचाने में तो नहीं लगे हुए हैं। 
बतादे सिंडीकेट के शोषण से बुरी तरह आहत सफाई कर्मियों के संगठन द्वारा भी अब आर-पार की लड़ाई की घोषणा करते हुए एक बार फिर अपने शोषण की व्यथा-कथा डीपीआरओ जौनपुर सहित प्रमुख सचिव पंचायतीराज, निदेशक पंचायतीराज, मण्डलायुक्त-वाराणसी, जिलाधिकारी  सीडीओ जौनपुर तथा उपनिदेशक पंचायतीराज एवं  अपने प्रान्तीय अध्यक्ष एवं मंत्री को भी पत्र भेज कर अवगत कराया है। अब देखना यह है कि जिलाधिकारी के जांच सम्बन्धी आदेश का पालन कब तक किया जाता है। सफाईकर्मियों के विश्वसनीय सूत्रों ने जाँच में विलंब की दशा में पूरे प्रकरण की लीपा पोती किए जाने की आशंका व्यक्त किया है।

Comments

  1. अत्यंत ही हास्यास्पद है पत्रकार साहब। जांच हो रही है अथवा नहीं, इस तथ्य की जानकारी बिना जांच रिपोर्ट आए आप को कहां से मिल रही है। बिना सबूत जिले के वरिष्ठ अधिकारी पे उंगली उठाना निंदनीय कार्य है। मै आप का समर्थक था परन्तु आप का इस खबर में निरंतर रुचि लेना आप के चरित्र पे संदेह स्पष्ट करता है। कृपया अपने रीडर्स को आप द्वारा संचालित खबर के अनुसार 65 लाख रुपए का सबूत दें।

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  2. Pr janch to DRS news ke khabar pr ho rhi h। Aap ise khud ka kyu bta rhe ho। Aur waise bhi aap ki shaili nispaksh janch ki nhi dikhai de rhi. Aap to swam man baithe ho k adhikari galat h. Mananiya, aap k anusar prashashan nhi chalta. Aur aap ka aisa chapna bhi to janch ko prabhavit kr rha. Aap bhi fir shak k dayre me khade hai. Sabar rakhiye, swam judge bnne ka prayan na kre. Aur ydi report me ye sabit ho jata h to un logo ko saja hogi hi... Lekin agar report m aa jata h ke aisa kuch nhi hua h... To sarkar, kya aap sbse mafi mangenge. Aise to koi bhi patrakar hm babuo pe prachar pane hetu kuch bhi chap dega ... doshi pane pe aap k bhi khilaf kartawai honi chaiye.

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