जौनपुर। इलाहाबाद हाईकोर्ट में जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह को नमामि गंगे प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण में मिली सजा के खिलाफ अपील पर सुप्रीम कोर्ट के वकील सुधीर वालिया ने दलील पेश की। कहा कि पूर्व सांसद को राजनीतिक द्वेष में फंसाया गया है। उन्हें चुनाव लड़ने से रोकना मकसद है। पहले दिन मामले की सुनवाई बृहस्पतिवार को भी जारी रखने का आदेश दिया। बृहस्पतिवार को सुनवाई के बाद अब न्यायाधीश ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की अदालत कर रही थी। बुधवार को करीब तीन घंटे तक सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सुधीर वालिया, वरिष्ठ अधिवक्ता सगीर अहमद, कार्तिकेय सरन और एसपी सिंह ने धनंजय सिंह का पक्ष रखा। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव एवं अपर शासकीय अधिवक्ता जेके उपाध्याय ने अभियोजन का पक्ष रखा। इससे पहले इस मामले में ट्रायल कोर्ट का रिकाॅर्ड पेश किया गया। राज्य सरकार की ओर से जवाबी हलफनामा दाखिल किया जा चुका है। पूर्व सांसद ने वकील ने कहा की जिन गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं वह स्वतंत्र गवाह नहीं है। सरकारी कर्मचारी हैं। इसक
जौनपुर। जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार मांदड़ ने बताया है कि अपर मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन, सामान्य प्रशासन अनुभाग, लखनऊ द्वारा अवगत कराया गया है कि निगोशिएबुल इन्स्ट्रूमेन्ट एक्ट, 1881 (1881 की एक्ट स0-26) की धारा-25 के तहत प्राप्त अधिकारों का प्रयोग का करते हुए उत्तर प्रदेश की राज्यपाल महोदया द्वारा आगामी लोकसभा सामान्य निर्वाचन तथा विधान समा उप निर्वाचन-2024 से सम्बन्धित जनपद में निर्वाचन के प्रयोजन के लिये सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। अतएव शासन के उपरोक्त आदेश के अनुपालन में 25 मई 2024 (शनिवार) को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है। उक्त आदेश कोषागार तथा उप कोषागार पर भी लागू होंगे।
मुख्तार को जेल में जहर देने का मामला ठंडे बस्ते में जाता नजर आ रहा है। पुलिस सूत्रों की मानें तो मुख्तार की विसरा जाांच रिपोर्ट आ गई है। जो न्यायिक जांच टीम को भेज दी गई है। बताया जा रहा है कि रिपोर्ट में जहर की पुष्टि नहीं हुई है। बता दें कि 28 मार्च की देर रात जेल में बंद मुख्तार अंसारी की मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। मुख्तार के परिजनों ने उन्हें जेल में जहर देने का आरोप लगाया था। इस पर प्रशासनिक और न्यायिक जांच टीमें गठित की गईं थीं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि के बाद भी विसरा जांच के लिए लखनऊ भेजा गया था। पुलिस के सूत्रों का कहना है कि विसरा रिपोर्ट लखनऊ से आ गई है और उसे न्यायिक जांच टीम को दे दी गई है। हालांकि जांच टीम का कोई अधिकारी इस पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। करीब 10 दिन पूर्व न्यायिक जांच टीम ने मंडल कारागार के बाद मामले में मेडिकल कॉलेज का भी निरीक्षण किया था। टीम ने कॉलेज प्रबंधन से माफिया के इलाज की बीएचटी रिपोर्ट भी तलब की थी, लेकिन इलाज करने वाले 10 से 12 डॉक्टरों से पूछताछ होना अभी बाकी है। मेडिकल कॉलेज के अधि
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