बाल विवाह पर सख्ती – एक भी मामला बर्दाश्त नहीं: D.M


 बाल संरक्षण समिति की बैठक सम्पन्न, बाल विवाह और पाक्सो मामलों को लेकर जिलाधिकारी ने दिए कड़े निर्देश


जौनपुर: 
जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति तथा प्रवर्तकता एवं पालक देखभाल अनुमोदन समिति की महत्वपूर्ण बैठक मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में बच्चों के हितों से जुड़े विभिन्न मुद्दों की समीक्षा की गई और आवश्यक निर्देश जारी किए गए।

बैठक की शुरुआत में जिला प्रोबेशन अधिकारी विजय कुमार पांडेय ने पिछली बैठक की अनुपालन आख्या प्रस्तुत की, जिस पर समिति ने संतोष जताया। उन्होंने अवगत कराया कि वार्ड, ग्राम, ब्लॉक एवं नगर स्तरीय बाल संरक्षण समितियों का गठन कर त्रैमासिक बैठक का निर्देश दिया गया है, लेकिन अपेक्षित बैठकें नहीं हो पा रही हैं। इस पर जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि जनपद स्तर से ही रोस्टर बनाकर इन बैठकों का आयोजन सुनिश्चित कराया जाए।

बाल विवाह पर सख्ती – एक भी मामला बर्दाश्त नहीं

बैठक में बाल विवाह के मामलों की समीक्षा करते हुए बताया गया कि अब तक 11 बाल विवाह रोके जा चुके हैं और एक मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। जिलाधिकारी ने सख्त निर्देश देते हुए कहा कि जिले में एक भी बाल विवाह नहीं होना चाहिए। जनजागरूकता के माध्यम से लोगों को सजग किया जाए और सूचना मिलते ही बाल विवाह पर तत्काल रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा, “बाल विवाह रोकना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। जनपद को बाल विवाह मुक्त बनाना हम सबका संकल्प होना चाहिए।”

पॉक्सो मामलों में समय पर रिपोर्टिंग के निर्देश

बैठक में बताया गया कि वर्तमान सत्र में जिले में 44 पॉक्सो (POCSO) अधिनियम के मामले दर्ज हुए हैं, परंतु इनमें से किसी भी मामले में 24 घंटे के भीतर बाल कल्याण समिति को सूचना नहीं दी गई। इस पर जिलाधिकारी ने मौके पर ऑनलाइन जुड़े सभी थानाध्यक्षों को निर्देशित किया कि “पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत आने वाले हर मामले की सूचना 24 घंटे के भीतर समिति को अनिवार्य रूप से दी जाए।”

किशोर न्याय बोर्ड में रिपोर्टिंग की कमी पर नाराज़गी

किशोर न्याय बोर्ड की समीक्षा में पाया गया कि पुलिस द्वारा दाखिल किए गए 139 मामलों में से किसी भी मामले में सामाजिक पृष्ठभूमि रिपोर्ट संलग्न नहीं की गई। इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने सभी थानाध्यक्षों को निर्देशित किया कि किशोरों से संबंधित सभी मामलों में सामाजिक पृष्ठभूमि रिपोर्ट संलग्न कर किशोर न्याय बोर्ड में प्रस्तुत किया जाए।

स्पॉन्सरशिप योजना में 374 बच्चों को लाभ

अंत में स्पॉन्सरशिप योजना के अंतर्गत 374 बच्चों को योजना से लाभान्वित किए जाने का प्रस्ताव समिति के समक्ष रखा गया, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान की गई।

बैठक में अपर जिलाधिकारी (वि./रा.) राम अक्षयबर चौहान, मुख्य राजस्व अधिकारी अजय अंबष्ट, पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर, सहायक श्रमायुक्त, आबकारी निरीक्षक, जिला विद्यालय निरीक्षक, खाद्य निरीक्षक, मण्डलीय बाल संरक्षण विशेषज्ञ (यूनिसेफ), ड्रग इंस्पेक्टर, जिला पंचायत राज अधिकारी, एसीएमओ, डीपीओ (आईसीडीएस), जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी समेत कई विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

Comments

Popular posts from this blog

भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी सकुशल निकला .जुलूस एसीपी थरवई सहित पुलिस फोर्स रही मौजूद

लूट की घटना में वांछित तीन बदमाश असलहों के साथ गिरफ्तार

शाहगंज के शिक्षकों ने मंत्री गिरीश चंद्र यादव को सौंपा ज्ञापन।