कालेज की जमीन पर अवैध कब्जे का आरोप, छात्राओं की सुरक्षा पर उठे सवाल
प्रिंसिपल बोले—खेल मैदान बनवाना चाहता हूं, रिटायर्ड कर्मचारी के बेटे पर भी लगाए गंभीर आरोप
प्राचार्य का कहना है कि कॉलेज परिसर के पास की खाली जमीन पर एक गुमटी रखकर सिगरेट, गुटखा आदि बेचे जा रहे हैं। वहीं कुछ अराजक तत्व उस दुकान के पास खड़े होकर कॉलेज की छात्राओं पर अश्लील फब्तियां कसते हैं और उन्हें घूरते हैं, जिससे छात्राओं को असहजता का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले की शिकायत उन्होंने जिलाधिकारी से की थी और जिलाधिकारी के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट ने मौके पर पहुंचकर जांच की। जांच के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट ने गुमटी हटाने का आदेश भी दिया, लेकिन उसी वक्त रिटायर्ड कर्मचारी का पुत्र सिटी मजिस्ट्रेट से उलझ गया और जांच में व्यवधान डालने की कोशिश की।
प्राचार्य सत्यप्रकाश सिंह ने दावा किया, “यदि यह जमीन खाली हो जाती है तो मैं वहां पर खेल मैदान बनवाना चाहता हूं जिससे बच्चों को सुविधा मिलेगी। लेकिन नगर पालिका मंत्री के दबाव में आकर कार्रवाई करने से कतरा रही है।”
इस संबंध में जब गुमटी संचालक रतनलाल निषाद से बात की गई तो उन्होंने कहा, “प्राचार्य सिर्फ गुमटी हटवाकर जमीन पर पक्का निर्माण करना चाहते हैं और बाद में उसे किराये पर देना चाहते हैं। हमारा रोजगार छिन जाएगा।”
यह विवाद अब प्रशासन के लिए चुनौती बनता जा रहा है, क्योंकि मामला न सिर्फ ज़मीन कब्जे का है, बल्कि छात्राओं की सुरक्षा और संस्थान की गरिमा का भी है। कॉलेज प्रबंधन ने मांग की है कि जल्द से जल्द अतिक्रमण हटवाकर कॉलेज परिसर को सुरक्षित और अनुशासित माहौल में बदला जाए।
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