बिशेषज्ञ चिकित्सको की रायः ओमिक्रॉन का असर सबसे अधिक बच्चो में होने की सम्भावना


देश में 3 जनवरी से 15-18 वर्ष के बच्चों का टीकाकरण शुरू होना है। जिसे लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। मग़र, कुछ रिसर्च और विशेषज्ञों की माने, तो बच्चों में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज बन चुकी हैं। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के चौथे सीरो सर्वे के अनुसार- 7 से 17 वर्ष के बच्चों में 57 प्रतिशत सीरो पॉजिटिविटी दर्ज की गई है। वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि 80 प्रतिशत बच्चों में हर्ड इम्युनिटी बन चुकी है।
बड़ों की अपेक्षा बच्चे ज़्यादा प्रोटेक्टेड' 
संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) के निदेशक डॉ. आर.के. धीमन ने के अनुसार "वैसे, सभी को कोविड़ एप्रोप्रियेट बिहेवियर (CAB) अपनाना चाहिए। बच्चों को भी इंफेक्शन हुआ था और बच्चों को भी नैचुरल इम्युनिटी बनी थी। अग़र यूपी का देखें तो 80 प्रतिशत बच्चों व बड़ों में हर्ड इम्युनिटी बनी है। बाक़ी, बच्चों के अंदर माइल्ड इंफेक्शन होता है।" उन्होंने बताया कि ''बच्चे एडल्ट और एल्डरली व्यक्तियों की अपेक्षा ज़्यादा प्रोटेक्टेड होते हैं। बच्चों के बारे में ज़्यादा चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। बच्चों के बारे में बस यह ध्यान देना चाहिए कि उन्होंने मास्क लगा रखा है या नहीं। वह सही से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कर रहे हैं या नहीं। जिससे कि वह संक्रमित होने से बचें।'' 
ICMR के 'सीरो सर्वे' में बच्चों में 57 प्रतिशत सीरो पॉजिटिविटी केजीएमयू के रेस्पेरटरी मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी के अनुसार ''अभी तक इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने चार सीरो सर्वे किये हैं। जिसमें चौथे सीरो सर्वे में 7 से 17 साल तक के बच्चों को भी रखा गया था। इसमें ऑवरऑल सीरो पॉजिटिविटी 67 प्रतिशत आई थी और बच्चों में यह परसेंटेज 57 प्रतिशत था।" बता दें कि, शरीर में कोविड़ के ख़िलाफ़ एंटीबॉडी बनी है या नहीं, इसे जानने के लिए 'सीरो सर्वे' किया जाता है।

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