जौनपुर के अन्दर अब हर हाल में बन्द होगा दोहरा डीएम ने दिलाया शपथ
जौनपुर। जिलाधिकारी दिनेश कुमार सिंह जनपद में जिलाधिकारी का कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात जिले में कुटीर उद्योग का स्वरूप ले चुके माउथ कैंसर का जनक दोहरा से जिले को मुक्त करने का संकल्प लिया जिलाधिकारी ने अपने इस संकल्प को अमलीजामा पहनाने के लिए कठोर कदम उठा लिया है।
इसी के तहत आज उन्होने के जिले के प्रमुख दोहरा व्यापारियों के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में एक बैठक किया। बैठक में जिलाधिकारी ने इसके दुष्परिणाम के बिषय में व्यापारियों बताते हुए दोहरा न बनाने एवं दोहरा न बेचने और न खाने के लिए आग्रह किया, यह कारोबार न करने तथा जिले की जनता के साथ अन्याय न करने का सलाह दिया, तो साथ ही कानूनी हंटर का भय दिखाकर उन्हे भयभीत भी किया।
तत्पश्चात सभी दोहरा व्यापारियों को इस व्यापार को बन्द करने के लिए शपथ भी दिलायी। इस दौरान डीएम ने खाद्य सुरक्षा विभाग और शहर कोतवाल को चेतानी भी दिया कि यदि अब कही दोहरा बना या बिका तो उसके विरुद्ध विधिक कार्यवाही किया जाये ।
बतादे जनपद में दोहरा नामक मादक प्रदार्थ के सेवनके चलते कुछ वर्षो से इसके शौकिनो के लिए काल का कारण बन गयी है। अब तक दोहरा खाने के कारण सैकड़ो लोग माउथ कैंसर की चपेट में आकर काल के गाल में समा चुके है, और लगभग एक दर्जन से अधिक की असमय मौत हो चुकी है । परिवार वाले इलाज करने के लिए खेत,घर और गहने तक बेचकर कंगाल हो चुके है, कई लोग आज भी देश के विभिन्न अस्पतालों की जीवन और मौत की बीच जंग कर रहे है। इस स्वीट प्वाइजन के खिलाफ मीडिया के जरिए लगातार खबरें छपती रही है अपना भारत अखबार ने भी कई बार दोहरा के खिलाफ खबर छाप चुका है । जिसका परिणाम रहा कि करीब पांच वर्ष पूर्व तत्कालीन सीटी मजिस्टेªट बाल मंयक मिश्रा ने इसे गम्भीरता से लेते हुए दोहरा के खिलाफ अभियान चलाकर पूरी तरह पाबंदी लगा दिया था। दोहरा व्यापारियों ने सिटी मजिस्टेªट के आदेश के खिलाफ सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया इसी बीच बाल मयंक मिश्रा का तबादला हो गया। जिसके कारण पैरवी न होने के कारण कोर्ट ने व्यापारियों के पक्ष में फैसला दे दिया था। उसके बाद एक बार फिर से दोहरा कारोबार चल पड़ा। दोहरा के खिलाफ अभियान जारी रहा यहाँ तक कि जिले की प्रभारी मंत्री रही रीता बहुगुणा जोशी से इस कारोबार को बंद करने का आग्रह करने पर उन्होंने तत्कालीन डीएम सर्वज्ञराम मिश्रा को दोहरा बन्द कराने का आदेश दिया। उस समय डीएम ने पुनः दोहरा का सैम्पल लेकर लखनऊ स्थित टेस्टिंग लैब भेजा। लैब से दोहरा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक टेस्ट रिपोर्ट मिलने के बाद पुनः इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया। सूत्रो के अनुसार प्रतिबंध के बावजूद दोहरा कारोबारी चोरी छिपे बनाकर बेचने लगे। इस बीच डीएम सर्वज्ञराम का तबादला होने के बाद प्रशासन का ध्यान इस तरफ हट गया लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग और पुलिस प्रशासन के लिए दोहरा कारोबारी कामधेनू बन गये। दोनो विभागो के अधिकारियों की अनुकम्पा से खुलेआम दोहरा बनने और बिकने लगा।
बतादे जनपद में दोहरा नामक मादक प्रदार्थ के सेवनके चलते कुछ वर्षो से इसके शौकिनो के लिए काल का कारण बन गयी है। अब तक दोहरा खाने के कारण सैकड़ो लोग माउथ कैंसर की चपेट में आकर काल के गाल में समा चुके है, और लगभग एक दर्जन से अधिक की असमय मौत हो चुकी है । परिवार वाले इलाज करने के लिए खेत,घर और गहने तक बेचकर कंगाल हो चुके है, कई लोग आज भी देश के विभिन्न अस्पतालों की जीवन और मौत की बीच जंग कर रहे है। इस स्वीट प्वाइजन के खिलाफ मीडिया के जरिए लगातार खबरें छपती रही है अपना भारत अखबार ने भी कई बार दोहरा के खिलाफ खबर छाप चुका है । जिसका परिणाम रहा कि करीब पांच वर्ष पूर्व तत्कालीन सीटी मजिस्टेªट बाल मंयक मिश्रा ने इसे गम्भीरता से लेते हुए दोहरा के खिलाफ अभियान चलाकर पूरी तरह पाबंदी लगा दिया था। दोहरा व्यापारियों ने सिटी मजिस्टेªट के आदेश के खिलाफ सिविल कोर्ट का दरवाजा खटखटाया इसी बीच बाल मयंक मिश्रा का तबादला हो गया। जिसके कारण पैरवी न होने के कारण कोर्ट ने व्यापारियों के पक्ष में फैसला दे दिया था। उसके बाद एक बार फिर से दोहरा कारोबार चल पड़ा। दोहरा के खिलाफ अभियान जारी रहा यहाँ तक कि जिले की प्रभारी मंत्री रही रीता बहुगुणा जोशी से इस कारोबार को बंद करने का आग्रह करने पर उन्होंने तत्कालीन डीएम सर्वज्ञराम मिश्रा को दोहरा बन्द कराने का आदेश दिया। उस समय डीएम ने पुनः दोहरा का सैम्पल लेकर लखनऊ स्थित टेस्टिंग लैब भेजा। लैब से दोहरा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक टेस्ट रिपोर्ट मिलने के बाद पुनः इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया। सूत्रो के अनुसार प्रतिबंध के बावजूद दोहरा कारोबारी चोरी छिपे बनाकर बेचने लगे। इस बीच डीएम सर्वज्ञराम का तबादला होने के बाद प्रशासन का ध्यान इस तरफ हट गया लेकिन खाद्य सुरक्षा विभाग और पुलिस प्रशासन के लिए दोहरा कारोबारी कामधेनू बन गये। दोनो विभागो के अधिकारियों की अनुकम्पा से खुलेआम दोहरा बनने और बिकने लगा।
डीएम दिनेश कुमार सिंह जिले की कमान सम्भालने के बाद से ही दोहरा के निर्माण,विक्री और खाने पर रोक लगाने का प्रयास पुनः शुरू हुआ । जिम्मेदार अधिकारियों और पुलिस की उदसीनता के कारण जिलाधिकारी के मंशा पूरी नही हुई। स्थानीय जनता व कुछ समाजसेवी से इनपुट लेकर डीएम ने आज दोहरा बनाने और बेचने वाले चुनिंदा कारोबारियों के साथ एक बैठक किया। बैठक में उन्होने दोहरा कारोबारियों से साफ कहा कि अब जिले में न दोहरा न बनेगा न बिकेगा यदि आज के बाद कोई दोहरा बनाता या बेचता पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई किया जायेगा। डीएम ने निवेदन पूर्वक इस व्यवसाय को छोड़कर दूसरा कारोबार करने की नसीहत दिया। डीएम ने मिटिंग में मौजूद खाद्य सुरक्षा अधिकारी और शहर कोतवाल को फटकारती हुए कहा कि अब पुरानी बाते छोड़कर आज से यह निश्चित करें कि अब न दोहरा बनेगा न बिकेगा। यदि दोहरा बनता बिकता पाया गया तो करोबारियों के साथ सभी जिम्मेदारों की गर्दन को नाप दिया जायेगा।
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