बचपन बचाओ आंदोलन के तहत किशोर न्याय बोर्ड की गोष्ठी

जौनपुर। सरजू प्रसाद शैक्षिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था व बचपन बचाओ आंदोलन के तहत बीआरपी इंटर कॉलेज में ’’किशोर न्याय अधिनियम विषय’’ पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ सुभाष सिंह प्रधानाचार्य व प्रबंधक आनंद शंकर श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से किया।       संचालन सभाजीत द्विवेदी ’प्रखर’ ने किया कार्यक्रम में मुख्य वक्ता सहायक श्रम आयुक्त कुलदीप सिंह ने बाल श्रमिकों को पाए जाने पर जेजे एक्ट के तहत बाल न्यायपीठ बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर कार्यवाही की जाएगी। इस आयोजन का मकसद बच्चों के साथ मित्रवत व्यवहार संवाद सद्भाव पूर्वक कार्यवाही करते हुए कार्यवाही की जाएगी। किशोर पुलिस यूनिट प्रभारी विशिष्ट अतिथि सीओ सदर/उपाधीक्षक नगर सुशील कुमार ने कहा कि 18 वर्ष से कम आयु को बालक कहेंगे परंतु विधि विपरीत बच्चों के मामलों में जघन्य अपराध कारित होने पर मनोवैज्ञानिक रिपोर्ट के आधार पर किशोर न्याय बोर्ड यह निर्णय कर सकता है कि बालक का मुकदमा सामान्य व्यक्ति की तरह ही चलेगा। बच्चों ने बहुत ही उत्साह पूर्वक सुरक्षा संबंधी सवाल किये जिस पर पुलिस के अधिकारियों ने सम्मुचित उत्तर देते हुए सहयोग करने का विश्वास दिलाया।  


  विशिष्ट अतिथि जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार सोनी ने कहा कि महिलाओं व बच्चों के लिए टोल फ्री नंबर 181 महिला हेल्पलाइन नंबर, 1098 चाइल्ड लाइन है कठिन परिस्थितियों में किसी भी समय कॉल किए जा सकते हैं, जिस पर तत्काल कार्यवाही होगी। किशोर न्याय का प्रयास है कि बालको का सुधार व कल्याण हो। बाल विवाह है, पॉक्सो एक्ट, सर्व शिक्षा अभियान, अनिवार्य शिक्षा अधिनियम यह सब बालकों को जीवन स्तर उठाने के दृष्टिकोण से कानून बनाए जा रहे हैं, जिनका एकमात्र उद्देश्य बालकों का कल्याण है।


  मुख्य अतिथि मनोवैज्ञानिक प्रोफेसर डॉ आर0एन0 सिंह बीएचयू ने कहा कि किशोरावस्था अंर्तद्वन्द की अवस्था है। इसी अवस्था में बच्चों के विचलित होने की संभावना रहती है बच्चों की समस्याओं हेतु कानून के साथ-साथ गार्जियन हम सब समाज व सरकार को भी जिम्मेदारी निभानी पड़ेगी। कम उम्र में बालकों का विवाह करने से बच्चों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।


  बाल संरक्षण अधिकारी चंद्र राय ने कहा कि बालकों के संरक्षण हेतु बालगृह, राजकीय संप्रेक्षण गृह, चाइल्ड लाइन का जल्द ही जनपद में व्यवस्था कराई जाएगी जिससे बच्चों को अन्य जनपदों में स्थानांतरित नहीं करना पड़ेगा।


   एसजेपीयू की हेड कॉस्टेबल चिंता राय कहा कि बच्चों को किसी अनजान व्यक्ति से मदद नहीं मांगनी चाहिए न ही उन पर विश्वास करना चाहिए। हर तरह की विचार-विमर्श मां बाप से करनी चाहिए।


  प्रबंधक आनंद शंकर श्रीवास्तव ने कहा कि कॉलेज में बच्चों के साथ सभी अधिकारियों का किशोर कानून में मित्रवर व्यवहार हेतु प्रेरित करना संस्था का सराहनीय कार्य है। विद्यालय परिवार सहयोग हेतु सदैव इस तरह के बालमित्र कार्यक्रमों हेतु तत्पर है। प्रधानाचार्य डॉ सुभाष सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि किशोर न्याय अधिनियम का व्यापक प्रचार-प्रसार विद्यालयों में आवश्यक है इससे बाल संरक्षण के मुद्दे पर संवेदनशीलता आएगी। बाल अपराध रोकने का हम सभी संकल्प लेते हैं। 


  कार्यक्रम आयोजक संस्था प्रमुख संजय उपाध्याय पूर्व अध्यक्ष बाल कल्याण समिति ने कहा कि इस आयोजन का मकसद बच्चों को उनके अधिकार व उनके संरक्षण के कानून की जानकारी हो सके। इस तरह का आयोजन विद्यालयों में किए जाने का शासन को कार्यवृत्त सौंपा जाएगा। कार्यक्रम के अन्त में सभी बच्चों व आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।  


  इस अवसर पर अनिल सिंह, सीमा मौर्या, हेडकंस्टेबल मंजू यादव, गायत्री तिवारी,  शकुंतला शुक्ला, कैलाश प्रजापति, डॉक्टर विमल श्रीवास्तव, प्रकाश चंद यादव, मोहन शंकर श्रीवास्तव, ऋषि श्रीवास्तव, डा. प्रमोद कुमार श्रीवास्तव, अखिलेश श्रीवास्तव, चन्द्र प्रताप सिंह, मो0 रजा खान, शिखा यादव, आईजीएसआई की रेखा श्रीवास्तव  आदि उपस्थित रहे।


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