हाईकोर्ट का एसडीएम को आदेश मुआवजा दे या हलफनामा के साथ स्पष्टीकरण दें


इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सड़क चौड़ीकरण में याची की जमीन के अधिग्रहण पर एसडीएम सैदपुर, गाजीपुर को पुनर्विचार करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि उसे 150 वर्ग मीटर जमीन के मुआवजे का भुगतान करें या व्यक्तिगत हलफनामे में स्पष्टीकरण के साथ 18 अक्टूबर को हाजिर हों। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि आदेश का पालन कर हलफनामा दाखिल किया जाता है तो व्यक्तिगत रूप से हाजिर नहीं होना होगा। याचिका की सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता तथा न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की खंडपीठ ने मीरा देवी की याचिका पर दिया है।

याचिका पर अधिवक्ता कमला कांत मिश्र व वरुण मिश्र ने बहस की। उनका कहना था कि एसडीएम सैदपुर ने 3 दिसंबर 14 को लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को रिपोर्ट भेजी थी कि याची को 150 वर्ग मीटर जमीन का मुआवजा दिया जाए। इसका पालन नहीं किया गया है। कोर्ट ने सरकार से रिपोर्ट मांगी तो बताया गया कि 28 अगस्त 2009 की रिपोर्ट के अनुसार याची की केवल 15 वर्ग मीटर जमीन ही सड़क में ली गई है।1 अक्टूबर 21 को भी टीम ने निरीक्षण किया है। तहसीलदार ने 3 अक्टूबर 21 को रिपोर्ट दी कि 15 वर्ग मीटर जमीन ही सड़क में ली गई है,150 वर्ग मीटर नहीं। 28 अगस्त 2009 की एडीएम राजस्व की रिपोर्ट में भी 15 वर्ग मीटर जमीन है।

याची ने कहा कि यह रिपोर्ट गुमराह करने वाली है। तहसीलदार ने 17 दिसंबर 13 को निरीक्षण किया था। इस पर  2 जनवरी 14 को एसडीएम की रिपोर्ट में 150 वर्ग मीटर जमीन का मुआवजा देने की सिफारिश की गई है। 2009 के बाद दो बार निरीक्षण किया गया। लोक निर्माण विभाग गाजीपुर के अधीक्षण अभियंता ने मार्च 15 में 150 वर्ग मीटर जमीन के मुआवजे के भुगतान की गणना का निर्देश जारी किया था। कोर्ट ने याची को 150 वर्ग मीटर जमीन के मुआवजे के भुगतान का निर्देश दिया है।

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