भदेठी कान्ड: एक तरफ विपक्ष के सवाल आखिर एक पक्षीय कार्यवाही क्यों आग लगाने वाला कौन, तो दूसरी ओर कसता कानून का शिकंजा


जौनपुर। जनपद के थाना सरायख्वाजा क्षेत्र स्थित ग्राम भदेठी कान्ड को लेकर जहां एक पक्ष के उपर कानून का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है वहीं सपा और कांग्रेस के लोग आरोप लगा रहे हैं है सत्ता पक्ष इतना मदांध हो गया है कि विपक्ष के लोगों की मांग सुनने को तैयार नहीं है। हलांकि इस घटना का एक पक्ष अब न्याय के लिए न्यायपालिका की शरण में पहुंच गया है और उसे भरोसा है कि कम से कम न्यायपालिका सत्ता के दबाव से हट कर न्याय कर सकेगी। 
इस घटना को लेकर पुलिस कार्यवाही एवं कानून को एक पक्षीय किये जाने के मुद्दे पर सपा के जिलाध्यक्ष लालबहादुर यादव से वार्ता किया। उन्होंने कहा कि शुद्ध रूप से प्रदेश सरकार के इशारे पर भदेठी कान्ड के बाबत जिला प्रशासन एवं पुलिस विभाग द्वारा एक पक्षीय कार्यवाही की गयी है और आगे भी किया जा रहा है जो पूरी तरह से संविधान विरूद्ध है। श्री यादव ने कहा हमारे देश के कानून में  व्यवस्था दी गयी है कि जब दो पक्षों में मार पीट या कोई घटना हो तो अपराध के तहत दोनों पक्षों के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए।  लेकिन यहाँ तो सरकार ने हिन्दू मुसलमान का खेल करते हुए केवल दलितों का मुकदमा दर्ज किया गया मुसलमान चिल्लाते रहे उनकी तो एक नहीं सुना गया।  सरकार बताये क्या यह संविधान सम्मत है। 
जिलाध्यक्ष ने कहा कि सपा के लोगों ने हमेशा न्याय की मांग किया लेकिन सत्ता के मद में चूर लोग अन्याय करने पर तुले हुए हैं। साथ एक जानकारी दिया है कि अब मुसलमान पक्ष न्यायपालिका की शरण में गया है और धारा 156 (3) के तहत प्रार्थना पत्र दिया है ताकि उसे न्याय मिल सके। अब पुलिस प्रशासन से उपेक्षित पक्ष को न्याय पालिका का सहारा बचा हुआ है। 
इसी क्रम में पूर्व मंत्री जगदीश नरायन राय से बात करने पर उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों में मार पीट हुईं हैं और दोनों तरफ से लोग चोटिल भी है ऐसी दशा में प्रशासन को दोनों पक्षों की तहरीर पर कार्यवाही करनी चाहिए थी लेकिन ऐसा न होने के पीछे सरकार खड़ी है।  सरकार के मुखिया ने इस सामान्य घटना को साम्प्रदायिक रंग देकर अपने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया और एक पक्ष पर कानून का शिकंजा लगातार कसा जा रहा है। सभी के खिलाफ गैगेस्टर के साथ अब कुख्यात अपराधियों की तरह ईनाम घोषित कर दिया गया है। पुलिस यहीं रूकने वाली नहीं है कुर्की नीलामी भी करायी जा सकती है। 
घटना के बाबत हो रही कार्यवाहियों पर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष फैसल हसन तबरेज से बात करने पर उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी जिला से लगायत प्रदेश तक लगातार न्यायिक जांच की मांग कर रही है लेकिन सरकार अथवा जिला प्रशासन सुनने को तैयार नहीं है। अपनी मनमानी कर रहे हैं। श्री तबरेज ने कहा कि जब घायल दोनों तरफ से लोग है तो एक पक्ष का ही मुकदमा क्यों इसका जबाब न तो सरकार दे रही है  न ही जिला प्रशासन दे रहा है। 
इन्होंने कहा कि जौनपुर के भदेठी की घटना को लेकर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री जी ने खूब तेजी दिखाया और घटना को हिन्दू मुसलमान करते हुए साम्प्रदायिक रंग देकर मुसलमानो को पूरा दबाने का घृणित खेल करके प्रदेश में दलित वोट साधने का कुत्सित प्रयास किया।  लेकिन गोरखपुर में क्षत्रियों द्वारा दलितों की बर्बर पिटायी के मामले में चुप्पी साध लिए है वहां पर उनका दलित प्रेम नहीं जागा है। यह इस बात का संकेत करता है कि जौनपुर में दलितों का विवाद मुसलमान से था इसलिए यहाँ कानून की सारी धारायें झोंक दिया गया और एक पक्षीय कार्यवाही की गयी और आगे भी जारी है। गोरखपुर में मामला क्षत्रिय बनाम दलित था इसलिए वहां पर दलित प्रेम नहीं जागा है। 
आज कोविड 19 का संकट है इसलिए सरकार के किसी भी मनमानी का मुखर विरोध नहीं हो पा रहा है और सरकार अपनी मनमानी कर रही है। उन्होंने कहा कि न्यायिक जांच होने पर निश्चित रूप से घटना के असली जिम्मेदार जेल की सलाखों के पीछे हो जाते और निर्देश कानून की जद से बच सकते है। आखिर सरकार सच को सामने लाने से परहेज क्यों कर रही है यह सबसे बड़ा सवाल सरकार के लिये है। 

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