नदियां एक बार फिर उफान पर, दहशत में है नदी किनारे आवास बनाने वालो की चिन्तायें बढ़ी


जौनपुर। गोमती और सई नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। शहर में नदी का जल स्तर 21 फीट के निशान के उपर पहुंच गया है। वहीं, गोमतेश्वर नाथ महादेव मंदिर पूरी तरह से डूब गया है। हनुमान घाट पर मंदिर में पानी घुस गया है। सभी घाट पानी में डूब चुके हैं। इससे निचले इलाकों में रहने वाले लोग डरे हुए हैं। उधर, सिकरारा में सई नदी का जल स्तर पुरानी पुल डूब गया है। यह पुल जर्जर हो चुका है, इस पर बड़ी गाड़ियों का आवागमन 20 वर्षों से बंद हैं। यदि इसी तरह पानी बढ़ता रहा तो दिक्कत हो सकती है। बदलापुर में गोमती नदी का जलस्तर बढ़ने से अहियापुर बलुआ, बड़ेरी और शाहपुर सानी गांव के काफी संख्या में किसानों की सैकड़ों एकड़ फसलें डूब गई हैं। फसलें डूबने से किसानों में चिंता बढ़ गई है। किसान विमल यादव, प्रधान चंद्रशेखर यादव आदि ने बताया कि गोमती नदी का जलस्तर शनिवार की रात से बढ़ना शुरू हो गया है। लोगों ने यह भी चिंता जताई कि जल स्तर इसी तरह से बढ़ता रहा तो शाहपुर सानी गांव के दर्जन भर से ज्यादा घरों में भी पानी पहुंच सकता है। पानी भरने से अहियापुर गोपालापुर के मध्य का रास्ता भी बंद हो गया है। रविवार को पानी बढ़ने की जानकारी मिलने पर हल्का लेखपाल गजेंद्र व राज मोहम्मद अंसारी ने गांव का सर्वे करने के बाद उन किसानों को चिह्नित किया, जिनकी फसलें डूब चुकी हैं। गभिरन: शाहपुर सानी, अहियापुर, गढ़ा, गोपालापुर, गुलरा, सियराबासी गांवों की करीब सैकड़ों बीघा धान की फसल पानी में डूब गई है। किसान समरनाथ यादव, रमाशंकर यादव, शंकर सिंह, सत्यनारायण तिवारी, मुरारी मिश्र, राधेश्याम यादव आदि का कहना है कि नदी के जलस्तर में धीमी गति से वृद्धि होना ठीक नहीं है। इसको लेकर किसान चिंतित हैं। जलालपुर: बारिश शुरू होते ही सई नदी का जलस्तर बहुत तेजी से बढ़ना शुरू हो गया है। कुछ दिन पहले तक नदी के दोनों किनारों पर पानी कम दिखाई दे रहा था। रविवार को रेत से कई फीट ऊपर पानी पहुंच गया है। साथ ही पानी के साथ जलकुंभी भी नदी की तेज धारा में बह रही है। जलालपुर कस्बा स्थित केंद्रीय जल आयोग कार्यालय के प्रभारी राजेन्द्र प्रसाद निषाद ने बताया कि नदी का जल स्तर पांच दिनों से बढ़ना शुरू हुआ है। लालपुर, महिमापुर, खलिप्ता, इसमेला, उदपुर, बिबनमऊ, प्रधानपुर, लखमीपुर, नहोरा, रसूलपुर, महन, भगरी, ताला मझवारा गांवों के नदी के किनारे रहने वाले ग्रामीण सतर्क हो गए हैं। एडीएम राम प्रकाश का कहना है कि नदी के बढ़ते जल स्तर पर प्रशासन की पूरी नजर है। बाढ़ से बचाव के लिए सभी एसडीएम को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। राहत व बचाव कार्य की तैयारी पहले से ही कर ली गई है। कंट्रोल रूम भी पहले से ही स्थापित किया गया है। 
गोमती के बढ़ते जल स्तर से नदी के किनारे वाले गांव के नाले भी डूब गये है पानी अब गांवो की तरफ अपना रूख कर लिया है। सरकारी स्तर पर व्यवस्थाओ को सक्रिय कर दिया गया है। जिस रफ्तार से गोमती का जल स्तर उपर बढ़ रहा है यही रफ्तार रही तो जल्द ही शहरी क्षेत्र के निचले इलाके जल मग्न नजर आ सकते है। 

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