छात्राओ को गाली देने वाले दरोगा के खिलाफ अभी तक कार्यवाई का न होना पुलिस विभाग सवालों के घेरे में



जौनपुर। लोकतांत्रिक देश जब भारत के संविधान में अभिव्यक्त के आजादी की स्वतंत्रता दी गयी ऐसे में एक हत्या काण्ड की घटना को लेकर महिला अपराध की बात करने एसपी के पास पहुंची छात्राओ के साथ पुलिस विभाग के दरोगा द्वारा छात्राओ के प्रति अश्लील शब्दो का प्रयोग करने वाले पुलिस कर्मी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का अब तक न किया जाना पुलिस अधिकारियों को सवालों के कटघरे में खड़ा करता है। जबकि थानेदार द्वारा दी गयी गाली का वीडियो वायरल है और अधिकारियों के संज्ञान में है। 
यहां बता दे कि विगत 09 दिसम्बर की सायंकाल लगभग सात बजे के आसपास थाना जफराबाद क्षेत्र स्थित जगदीश पट्टी के निवासी आमोद कुमार पटेल की पत्नी मंजू पटेल घर से अकेले निकली तो वापस नहीं लौटी दूसरे दिन 10 दिसम्बर को सुबह मंजू पटेल 42 वर्ष की लाशा रेलवे लाइन के किनारे मिली। आशंका जताई गई कि उसके साथ दुष्कर्म करने के बाद हत्या किया गया। घटना की खबर वायरल होते ही 10 दिसम्बर को आसपास के बड़ी तादाद में लोग आक्रोश व्यक्त करते हुए सड़क पर आ गये और एन 56 मार्ग पर घन्टो चक्का जाम कर विरोध जताते रहे बाद में पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों द्वारा 24 घन्टे के अन्दर अभियुक्त के गिरफ्तारी का वादा करने पर जाम हटा और लाश का पोस्टमार्टम हो सका। 
दूसरे दिन इस महिला अपराध की घटना से नाराज टीडी पीजी कालेज की छात्रायें बड़ी संख्या में अपने छात्रा साथी के मां की हत्या की घटना से नाराज होकर और अभियुक्त की गिरफ्तारी की मांग लेकर पुलिस अधीक्षक के आवास पर गयी तो वहां पर पहुंचे थानाध्यक्ष लाइन बाजार छात्राओ के साथ बदतमीजी से पेश आये और कहा कि शोसल मीडिया देखकर नेता बनने का शौक चर्राया है और साथ महिला से सम्बन्धित उनके गुप्तांग को लेकर ऐसी गाली छात्राओ को दिया कि सर से शर्मसार हो जाये। इसका वीडियो वायरल हुआ है। 
वीडियो आईजी वाराणसी के पास पहुंचा तो उनके स्तर से पुलिस अधीक्षक को संज्ञान लेते हुए कार्यवाई का निर्देश दिया लेकिन पुलिस अधीक्षक कार्यवाई करने के बजाय जांच बैठा दिया है लेकिन अभी तक गाली देने वाले थानाध्यक्ष के खिलाफ कोई विभागीय कार्रवाई का न किया जाना सवालों के घेरे में है। आखिर जांच किस बात की हो रही है जबकि वीडियो में गाली का लब्ज साफ सुना जा सकता है। सबसे बड़ी बात यह भी है कि दरोगा को पद पर रहते हुए क्या जांच निष्पक्ष संभव है। 
यहां यह भी बता दे कि जब छात्राएं जिलाधिकारी के पास गयी और अपनी पीड़ा बताया तो प्रशासन को शख्त होते ही मंजू पटेल का हत्यारा उसका भतीजा अजय पटेल गिरफ्तार कर लिया गया और पुलिस ने घटना का खुलासा कर दिया दूसरे दिन उसके सहयोगी को भी गिरफ्तार कर लिया। हत्यारो को पकड़ने के पश्चात पुलिस ने जो कहानी बताया उसके अनुसार मंजू पटेल का भतीजा उसके प्रति बुरी नजर रखता था अपनी हवस बुझाने के लिए रात में अकेला पाकर अपने साथी के साथ छेड़-छाड़ किया पहचाने जाने और पोल खुलने के डर से मंजू पटेल की हत्या कर दिया था। यहां पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर लोकतंत्र में अपनी पीड़ा कहने गयी छात्राओ को दरोगा ने गाली क्यों दिया ?

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