पुत्री को धोखे में रखकर नानी ने ही नवजात बच्चे को तीन लाख रुपए में बेंच डाला, अब सभी आरोपी पहुंच गए सलाखों के पीछे जेल
जौनपुर। विवाहिता पुत्री को धोखे में रखकर उसके नवजात पुत्र को नानी ने तीन लाख रुपये में पश्चिम बंगाल के हाबड़ा निवासी दंपती को बेच दिया था। पीड़िता की शिकायत पर हरकत में आई जलालपुर पुलिस ने छानबीन कर बच्चे को हाबड़ा से बरामद कर लिया। नानी, अस्पताल की दाई, महिला खरीदार व तीन बिचौलियों को गिरफ्तार कर लिया। 2.59 लाख रुपये भी बरामद कर लिए। खरीदने वाली महिला के पति की तलाश में पुलिस जुटी है।
खबर है कि जलालपुर के धरांव निवासी कैलाश प्रजापति की पुत्री कविता देवी ने गत 11 नवंबर को थाने में प्रार्थना पत्र दिया। कविता के अनुसार उसकी शादी भदोही जिले के डिघवट निवासी सोनू प्रजापति के साथ हुई है। पति सूरत (गुजरात) में प्राइवेट नौकरी करता है। गर्भवती होने पर वह प्रसव के लिए मायके आ गई थी।
जनपद मुख्यालय स्थित शहर के प्रताप हॉस्पिटल में 25 अक्टूबर को ऑपरेशन से पुत्र पैदा हुआ। धरांव के ही हॉस्पिटल में पूर्व में दाई रह चुकी इंद्रिका सिंह अपने साथ धौरहरा गांव की आशा बहू सीता पांडेय को लेकर हॉस्पिटल में आई। सीता पांडेय ने मेरी मां शांति देवी को बहका-फुसलाकर मेरे नवजात बच्चे काे शाहपुर (बदलापुर) मूल निवासी हाल पता नक्सर पाड़ा रोड घुसुड़ी, हाबड़ा निवासी अपने जीजा गोरखनाथ चौबे के माध्यम से किसी को तीन लाख रुपये में सौदा करवा दिया।
बच्चे की मां बताया कि तुम्हारे बच्चे को बीमार होने के कारण दूसरे हास्पिटल में आइसीयू में भर्ती कराया गया है। 30 अक्टूबर को हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने के बाद मायके आ गई। बार-बार पूछने पर मुझे बताया गया कि तुम्हारा बच्चा मर गया है।शव दिखाए जाने की जिद करने पर मेरी मां ने स्वीकार किया कि तुम्हारा बच्चा तीन लाख रुपये में बेच दिया गया है। इसमें से 1.70 लाख रुपये मुझे मिले हैं। बाकी रुपये इंद्रिका सिंह व सीता पांडेय ने बांट लिया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए पीड़िता की तहरीर पर थाना प्रभारी निरीक्षक घनानंद त्रिपाठी ने मु0अ0सं0 335/2024, धारा 318(4) व 61(2) BNS व 81 जे0जे0 एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर छानबीन में जुट गए। गहराई से छानबीन के दौरान मिले सुराग पर एसआइ विजय कुमार सिंह के नेतृत्व में पुलिस टीम को हाबड़ा भेजा।
टीम ने हाबड़ा के बेलीलियस रोड निवासी ओम कुमार गुप्त के घर दबिश दी। ओम कुमार भाग गया जबकि उसकी पत्नी पूनम गुप्ता को गिरफ्तार कर बच्चा बरामद कर लिया। बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले गोरखनाथ चौबे व कोलकाता के फकीरचंद मित्र स्ट्रीट राजाराम मोहन सराय निवासी रतन साह की पत्नी हेमंती साह को भी गिरफ्तार कर टीम जौनपुर स्थित जलालपुर थाने पर लेकर आई। कविता की मां शांति देवी, आशा बहू सीता पांडेय व इंद्रिका सिंह को भी दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया।
थानाध्यक्ष घनानंद त्रिपाठी ने बताया कि
गिरफ्तारी के समय सर्वोच्च न्यायालय एवं मानवाधिकार के नियमों निर्देशों का बखूबी पालन किया गया।बिचौलिए गोरखनाथ चौबे से सौदा तय होने के बाद पूनम गुप्ता उसे साथ लेकर हवाई जहाज से कोलकाता से बाबतपुर आई थी। वहां से जौनपुर प्रताप हास्पिटल आई और तीन लाख देकर बच्चा लेकर उसी दिन दूसरी जहाज से सभी कोलकाता चले गए थे।
आवश्यक लिखापढ़ी के बाद पुलिस ने बरामद बच्चे को मां कविता को सौंपा तो वह उसकी आंखों से खुशी के आंसू बहने लगे। वह कलेजे के टुकड़े को गोद में लेकर दुलारने लगी। उसका रोम-रोम पुलिस के प्रति कृतज्ञता जता रहा था। पुलिस सभी अभियुक्तो को मु0अ0सं0 335/2024, धारा 318(4) व 61(2) BNS व 81 जे0जे0 एक्ट के तहत जेल की सीखचों में कैद कर दिया है।
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