स्व पारस नाथ जी को प्रशासन ने राजकीय सम्मान के साथ गार्ड आफ आनर दिया,तो राजनैतिको ने शोक संवेदना व्यक्त किया



जौनपुर।  राजनीति की दुनियां में शेरे पूर्वांचल उपाधि हासिल करने वाले राजनेता पारस नाथ यादव के निधन पर जहाँ जिला प्रशासन ने राजकीय सम्मान के साथ गार्ड आफ आनर देकर उनकी अन्तिम विदायी किया वहीं पर दलीय भावनाओ से अलग हटकर जिला ही नहीं पूर्वांचल के तमाम राजनैतिको ने उनके शव पर पुष्पान्जलि करते हुए शोक संवेदना व्यक्त किया है । स्व पारस नाथ जी के शव यात्रा में उमड़ा हुजूम उनकी लोकप्रियता को बता रहा था कि वे आम जनता के कितने करीब थे। 


निधन की खबर मिलने के पश्चात आम जनता के साथ प्रशासन भी स्तब्ध नजर आया ।घर से स्व पारस नाथ जी की शव यात्रा निकलने के पहले जिला प्रशासन के अधिकारी जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक उनके घर पहुंच कर शव पर पुष्प अर्पित किया साथ ही पुलिस के जवानों ने गार्ड आफ आनर दिया इसके बाद सपा के सिपाहियों ने नारा लगाते हुए "जब तक सूरज चाँद रहेगा, पारस तेरा नाम रहेगा " शव यात्रा लेकर आगे बढ़े हजारों का हुजूम शव यात्रा के साथ चल रहा था। 


स्व पारस नाथ जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए उनके आवास पर उपस्थित सांसद जौनपुर  श्याम सिंह यादव, प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री गिरीश चन्द यादव,  विधायक गण शैलेन्द्र यादव ललई, जगदीश सोनकर, पूर्व सांसद रमा कान्त यादव,पूर्व सांसद तुफानी सरोज,  पूर्व मंत्री जगदीश नरायन राय, पूर्व विधायक गण गुलाब चन्द सरोज, उमाशंकर यादव, श्रद्धा यादव, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष प्रभावती पाल , पूर्व अध्यक्ष डा अवध नाथ पाल ,सत्येन्द्र उपाध्याय, जिलाध्यक्ष लाल बहादुर यादव,  जिला पंचायत अध्यक्ष राजबहादुर यादव, पूर्व एम एल सी  लल्लन प्रसाद यादव, आस पास जनपदों के जिलाध्यक्ष गण ने अपनी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि पारस नाथ यादव के निधन से आज जौनपुर राजनेता विहीन हो गया है।लोगों ने कहा कि पारस नाथ जी अपने राजनैतिक जीवन में हमेशा कार्यकर्ताओं और मतदाताओं के लिए लड़ते  रहे। शोक संवेदना व्यक्त करने वालो ने पारस के राजनैतिक जीवन की चर्चा करते हुए कहा कि 21 जनवरी 49 को जिले के दक्षिणान्चल में कारो बनकट गांव के एक मध्यम श्रेणी परिवार में जन्मे पारस नाथ यादव गांव की पंचायत से लेकर देश की सर्वोच्च पंचायत तक का सफर अपने 72 वर्षों के जीवन में पूरा किया है। जिसमें  7 वीं बार विधायक थे  तथा  दो बार सांसद रहे यही नहीं 4 बार उप्र सरकार के मंत्री के रूप में कार्य करते हुए जनता की सेवा करते रहें है। आज बतौर विधायक अपने जीवन की अन्तिम सांस लिए है। इसके अलावां दो बार सपा के जिलाध्यक्ष के रूप में पार्टी को मजबूत बनाने का सराहनीय रहा है।  इतना लम्बा राजनैतिक जीवन जिले में और किसी भी राजनैतिक का नहीं रहा है। 


उनके अन्तिम दर्शन के दौरान हर आँखे अपने महबूब नेता के लिए नम हो जा रहीं थीं।
समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष  सहित सभी कार्यकर्ताओं ने पार्टी कार्यालय पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए शव पार्टी के झन्डे में लिपटा कर अन्तिम संस्कार के लिए रवाना किया। शव यात्रा जनपद मुख्यालय से शुरू हो कर पारस नाथ जी के पैत्रिक गांव होते हुए वाराणसी स्थित  मणिकर्णिका घाट के लिए ले जायी गयी है। इनके निधन बड़ी संख्या में लोग अपने आप को अनाथ महसूस करने लगे है ।

ईश्वर की लीला भी गजब की होती है

स्व पारस नाथ जी अपने जीवन में पूरे परिवार को साथ लेकर चलते रहे है। इसीलिए लखनऊ से अपने एक पौत्री की शादी में शामिल होने के लिए जौनपुर अपने घर रात्रि में आये और दूसरे दिन दुनियां को अलविदा कह दिये।14 जून 20 को पौत्री की शादी तय थी। जो इनके भतीजे की पुत्री है लेकिन ईश्वर को सायद शादी देखना मंजूर नहीं था ।

Comments

Popular posts from this blog

गयादीन विश्वकर्मा इण्टर कालेज के विद्यार्थियों ने बोर्ड परीक्षा में बच्चों ने लहराया परचम

जालसाज़ी के आरोप में जेल में बंद एक बंदी की मौत

जौनपुर पुलिस व एसटीएफ लखनऊ की बड़ी कामयाबी, 50 हजार का इनामी बदमाश गिरफ्तार