प्रधानमंत्री ने 74 वें स्वतंत्रता दिवस पर भारत को आत्मनिर्भर बनाने का संदेश दिया, नौकरी के बजाय रोजगार की बात किया



आजादी का पर्व हमारे लिए आजादी के वीरों को याद करके नए संकल्पों की ऊर्जा का एक अवसर होता है। ये हमारे लिए नई उमंग, उत्साह और प्रेरणा लेकर आता है। गुलामी का कोई कालखंड ऐसा नहीं था, जब हिंदुस्तान में किसी कोने में आजादी के लिए प्रयास नहीं हुआ हो, प्राण-अर्पण नहीं हुआ हो। एक प्रकार से जवानी जेलों में खपा दी। ऐसे वीरों को हम नमन करते हैं।

उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कही। वे आज 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले पर झंडा फहराने के बाद लोगों को सम्बोधित कर रहे थे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना के समय में, अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारे डॉक्टर्स, नर्से, पैरामेडिकल स्टाफ, एंबुलेंस कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, सेवाकर्मी, अनेकों लोग, चौबीसों घंटे लगातार काम कर रहे हैं। ऐसे सभी कोरोना वॉरियर्स को भी मैं आज नमन करता हूं।

पीएम मोदी ने कहा कि अनगिनत प्राकृतिक आपदाओं के बाद भी देश ने अपना मनोबल नहीं खोया। देश को कोरोना के प्रभाव से बाहर निकालना हमारी प्राथमिकता है।


हमारे यहां शास्त्रों में कहा गया है-सामर्थ्य्मूलं स्वातन्त्र्यं, श्रममूलं च वैभवम्।। किसी समाज, किसी भी राष्ट्र की आज़ादी का स्रोत उसका सामर्थ्य होता है, और उसके वैभव का, उन्नति प्रगति का स्रोत उसकी श्रम शक्ति होती है। देश के सामान्य नागरिक की मेहनत, उसके परिश्रम का कोई मुकाबला नहीं है।

बीते 6 वर्षों में देश में मेहनत करने वाले लोगों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई गई हैं। बिना किसी भेद-भाव के, पूरी पारदर्शिता के साथ सभी लोगों को कई योजनाओं के द्वारा मदद पहुंचाई गई है।

उन्होंने कोरोना महामारी के बीच 130 करोड़ देशवासियों ने आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया। आत्मनिर्भर भारत देशवासियों के मन-मस्तिष्क में छाया है। ये आज सिर्फ शब्द नहीं रहा, बल्कि 130 करोड़ देशवासियों के लिए मंत्र बन गया है। आज दुनिया इंटर-कनेक्टेड है। इसलिए समय की मांग है कि विश्व की अर्थव्यवस्था में भारत का योगदान बढ़ाना चाहिए, इसके लिए भारत को आत्मनिर्भर बनना ही है।

जब हमारा अपना सामर्थ्य होगा तो हम दुनिया का कल्याण भी कर पाएंगे। आज देश अनेक नए कदम उठा रहा है, इसलिए आप देखिए स्पेस सेक्टर को खुला कर दिया, देश के युवाओं को अवसर मिल रहा है। हमने कृषि क्षेत्र को बंधनों से मुक्त कर दिया। हमने आत्मनिर्भर भारत बनाने का प्रयास किया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उस कालखंड में विस्तारवाद की सोच वालों ने दुनिया में जहां भी फैल सकते थे, फैलने की कोशिश की, लेकिन भारत का आजादी आंदोलन दुनिया में एक प्रेरणा पुंज बन गया, दिव्य स्तंभ बन गया और दुनिया में आजादी की अलख जगी।

मुझे विश्वास है कि भारत आत्मनिर्भर के सपने को चरितार्थ करके रहेगा। मुझे देश की प्रतिभा, सामर्थ्य, युवाओं, मातृ-शक्तियों पर भरोसा है। मेरा हिंदुस्तान की सोच-अप्रोच पर भरोसा है। इतिहास गवाह है कि भारत एक बार ठान लेता है तो, भारत उसे करके रहता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में एफडीआई में में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। ये विश्वास ऐसे ही नहीं आता है। वन नेशन-वन टैक्स, इनसाल्वेंसी और बैंक्रप्टसी कोड बैंकों का मर्जर आज देश की सच्चाई है।


आज दुनिया की बहुत बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत का रुख कर रही हैं। हमें मेक इन इंडिया के साथ-साथ मेक फॉर वर्ल्ड के मंत्र के साथ आगे बढ़ना है। इस शक्ति को, इन रिफॉर्म्स और उससे निकले परिणामों को देख रही है। बीते वर्ष, भारत में एफडीआई ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।

आखिर कब तक हमारे ही देश से गया कच्चा माल, फिनिश्ड प्रोडक्ट बनकर भारत में लौटता रहेगा। इसलिए हमें आत्मनिर्भर बनना ही होगा। भारत के किसान सिर्फ देश के लोगों का पेट नहीं भरते, बल्कि दुनिया में जहां लोगों को जरूरत होती है, वहां के लोगों का भी पेट भरते हैं।

आत्मनिर्भर भारत का मतलब सिर्फ इंपोर्ट को कम करना ही नहीं है, बल्कि हमारे सामर्थ्य के आधार पर अपने कौशल को बढ़ाना है। आत्मनिर्भर भारत में कई चुनौतियां होंगी, लेकिन अगर ये चुनौतियां हैं तो देश के पास करोड़ों समाधान देने वाली शक्ति भी है।

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