एनकाउन्टर में मारे गये बदमाशों ने बजरंगी के इशारे पर जेलर की हत्या कर फैलायी थी सनसनी



जनपद प्रयागराज में एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारे गए मुन्ना बजरंगी के गुर्गे रहे दोनों बदमाशों ने अपने दो साथी शूटरों के साथ वर्ष 2013 में बजरंगी के इशारे पर वाराणसी जिला जेल के डिप्टी जेलर अनिल त्यागी की हत्या कर पूरे राज्य में सनसनी फैला दी थी। एनकाउंटर में मारे गए दोनों बदमाश अमजद उर्फ अंगद उर्फ पिंटू उर्फ डॉक्टर और वकील पांडेय उर्फ राजीव उर्फ राजेश थे। दरअसल, उन दिनों अमजद और वकील के गिरोह का सरगना मुन्ना बजरंगी वाराणसी जिला जेल में बंद था। बजरंगी की हत्या के बाद दोनों मुख्तार गैंग सदस्य हो गये थे।  डिप्टी जेलर त्यागी के कड़क मिजाज और सख्ती से जिला जेल के बंदी खौफ खाते थे। त्यागी की सख्ती के कारण मुन्ना बजरंगी के अलावा उससे जेल में मिलने आने वाले उसके गुर्गे भी खासे परेशान रहते थे। 
बजरंगी मोबाइल से अपने गुर्गों से बात भी नहीं कर पाता था। इसके लिए उसने कई बार डिप्टी जेलर त्यागी पर दबाव भी बनवाया, लेकिन उन पर कोई असर नहीं हुआ। इससे आजिज आकर सलाखों के पीछे से ही मुन्ना बजरंगी ने डिप्टी जेलर की हत्या की साजिश रची। बजरंगी के इशारे पर सतीश उर्फ चंदन ने डिप्टी जेलर त्यागी की रेकी शुरू की।
इसके बाद 23 नवंबर 2013 को पांडेयपुर क्षेत्र में जिम से रोजाना की तरह बाहर निकले डिप्टी जेलर त्यागी पर सरेराह अंधाधुंध फायरिंग कर अमजद, वकील, राजेश चौधरी और रिंकू सिंह ने उनकी हत्या कर दी। इस वारदात को लेकर सात मई 2014 को कैंट थाने की पुलिस ने खुलासा किया कि मऊ निवासी रमेश सिंह काका सहित छह बदमाशों ने डिप्टी जेलर की हत्या की थी।
हालांकि 9 जुलाई 2017 को एसटीएफ की वाराणसी इकाई ने खुलासा किया कि डिप्टी जेलर की हत्या मुन्ना बजरंगी ने अपने गुर्गों अमजद, वकील, राजेश चौधरी और रिंकू सिंह से कराई थी। वहीं, उत्तर प्रदेश एसटीएफ के सीओ ने बताया कि प्रयागराज के अरैल में दो बदमाशों की मुठभेड़ में मौत हो गई। इनकी पहचान वकील पांडे उर्फ राजू पांडे (50,000 का इनामी) और अमजद उर्फ पिंटू के रूप में हुई है। वाराणसी में 2013 में इन्होंने डिप्टी जेलर अनिल त्यागी की हत्या कर दी थी
डिप्टी जेलर की हत्या के लिए रिंकू और अमजद ने छह पिस्टल की व्यवस्था की थी। प्रदेश की पुलिस को चुनौती देने वाली इतनी बड़ी वारदात के बाद भी चार साल तक वास्तविक आरोपियों का नाम सामने नहीं आया था। पुलिस और एसटीएफ एक अरसे से अमजद और वकील की तलाश कर रही थी। गुरुवार की सुबह में दोनों का एसटीएफ से आमना-सामना हुआ तो मुठभेड़ में वे ढेर हो गए।

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