चुनौतियों के बाद भी खोजी पत्रकारिता में हिंदी पत्रकारों का कार्य रहा सराहनीय : डॉ चंदन शर्मा


पीयू के जनसंचार विभाग एवं कम्युनिकेशन टुडे पत्रिका के संयुक्त तत्वावधान में हुआ आयोजन
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग एवं कम्युनिकेशन टुडे शोध पत्रिका के संयुक्त तत्वावधान में हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर हिंदी पत्रकारिता किधर? विषयक राष्ट्रीय ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में देश के विभिन्न प्रदेशों से प्रतिभागियों ने भाग लिया। वक्ताओं ने हिंदी पत्रकारिता के विविध पक्षों पर विस्तार से चर्चा की।
वेबिनार को संबोधित करते हुए दैनिक जागरण धनबाद के संपादकीय प्रभारी डॉ. चंदन शर्मा ने कहा कि अनेक चुनौतियों के बावजूद देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंदी के पत्रकारों ने खोज पूर्ण पत्रकारिता के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है।
नई दिल्ली के वरिष्ठ पत्रकार ज्ञानेश उपाध्याय ने कहा कि जिधर समाज जाता है उधर पत्रकारिता जाती है। कहा कि भविष्य डिजिटल  मीडिया का है जिसने प्रिंट मीडिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती खड़ी की है।
रायपुर ,छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ पत्रकार श्री बाबूलाल शर्मा ने कहा कि पूंजी एवं शक्ति के बल पर लोग पत्रकारिता में प्रवेश कर रहे हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि आपातकाल के बाद पत्रकारिता में बहुत बड़ा परिवर्तन आया है।
जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ. मनोज मिश्र ने कहा कि हिंदी पत्रकारिता का भविष्य तमाम चुनौतियों और बाधाओं के बाद भी उज्जवल है।
विषय की पृष्ठभूमि एवं संगोष्ठी का संचालन  कम्युनिकेशन टुडे के संपादक एवं राजस्थान विश्वविद्यालय,जयपुर के जनसंचार केंद्र के पूर्व अध्यक्ष प्रो संजीव भानावत ने किया। ऑनलाइन संगोष्ठी में आयोजन सचिव डॉ उषा साहनी,डॉ पृथ्वी सेंगर, प्रो मानस पांडेय,प्रो अविनाश पाथर्डिकर, डॉ. दयानंद कात्यायन, डॉ रश्मि गौतम, डॉ अमरेंद्र सिंह,डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ सुनील कुमार, डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ चंदन सिंह, डॉ दयानंद उपाध्याय, सुधाकर शुक्ल,डॉ अवधेश मौर्य समेत विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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