सरकार कीपूंजीनिवेश योजना से छिन जायेगी किसानों की जमीन - अखिलेश यादव


 लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार किसानों के खेत छीन कर कारपोरेट घरानों को देने की साजिश कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इस क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा पूंजीनिवेश का भी रास्ता खोल रही है, इससे देश का किसान विदेशी कम्पनियों का बन्धक बन जाएगा।
अखिलेश ने कहा कि यह किसानों को पूरी तरह तबाह करने की भाजपा की साजिश है, जिससे तंग आकर किसान का मोह खेती से भंग हो जायें और उसके खेत बड़े कारोबारियों या विदेशी निवेशकों के चंगुल में चले जाने का रास्ता साफ हो जाये।
सपा अध्यक्ष ने जारी बयान में कहा है कि भाजपा सरकार की कुनीतियों से कृषि क्षेत्र पर गम्भीर संकट के बादल छा गये हैं। अभी बीते जून माह में आर्थिक सुधार के नाम पर भाजपा की केन्द्र सरकार जो तीन अध्यादेश लाई है उससे किसानों की दशा को दुर्दशा में बदलने में देर नहीं लगेगी। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पहले किसानों की आय दुगनी करने का और फसल का दाम डयोढ़ा करने का जो वादा किया था, उसकी अब चर्चा भी नहीं होती है।
उसकी जगह कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की वकालत की जाने लगी है। इसमें किसान का मालिकाना हक भी चला जाएगा। किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) मिलना चाहिए पर सरकार इसे दिलाने में पूरी तरह विफल रही है। इसका फायदा बिचैलियों को ही मिलता है। किसान के हिस्से तो क्रय केन्द्रों पर दुव्र्यवहार ही आता है। भाजपा सरकार अपने किसी भी वादे को निभाना नहीं चाहती है। इसलिए उसने अपने अध्यादेश में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की है कि किसान को कम्पनियां एमएसपी से कम दाम नहीं देंगी?
अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार ने खेती को आवश्यक वस्तु अधिनियम से हटाकर और दूसरे राज्यों में भी फसल बेचने की सुविधा देकर कोई बड़ा उपकार किसानों पर नहीं किया है। जब अपने प्रदेश में ही वे उपेक्षित हैं, साधन विहीन हैं तो वे बाहर कहां बाजार की खोज करने जा सकेंगे। इसके अलावा आज अधिकांश किसान छोटी जोत वाले हैं वे अपने माल का भण्डारण नहीं कर सकते हैं।
बिचैलियों को ही इसका फायदा होगा। वैसे भी प्रदेश में पर्याप्त भण्डारण गृह नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा की किसान विरोधी नीतियों का ही नतीजा है कि सपा सरकार ने किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए चार लेन सड़कों और मंडियों की स्थापना की दिशा में जो पहल की थी, उसे रोक दिया गया है। मंडियों में किसान अपना उत्पाद ले जाकर मोलभाव से ज्यादा लाभ ले सकते थे। भाजपा सरकार ने उस व्यवस्था को ही समाप्त करने की योजना बना ली है।
सपा मुखिया ने कहा कि भाजपा सरकार की किसानों के प्रति बदनीयती इसी से जाहिर होती है कि स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया ने पिछले 8 वर्षों में 1.23 लाख करोड़ रूपए के कारपोरेट बुरे ऋण को बट्टे खाते में डाल दिया है। 50 बड़े कर्जदार भारी ऋण लेकर विदेश भाग गए। जबकि किसानों को छोटे-छोटे कर्ज के लिए भी वसूली की नोटिस, तहसील में गिरफ्तारी आदि से अपमानित किया जाता है।
उन्होंने कहा कि किसान की माली हालत बिगाड़ने के लिए भाजपा सरकार ने डेढ़ गुना ज्यादा बिजली के बिल जारी कर दिए हैं। कृषि फीडर बन जाने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में 10 घंटे भी बिजली नहीं दी जाती है, जबकि सपा सरकार में किसानों को 18 घंटे विद्युत आपूर्ति मिलती थी। बिना किसी जांच के ही विद्युत भार बढ़ा दिया गया जिससे बिजली बिल ज्यादा आ रहा है।

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