असलहा कार्यालय में धनोपार्जन के लिए उड़ायी जा रही है शासना देश की धज्जियां,जिम्मेदार हैं बेखबर



 जौनपुर । जिलाधिकारी के नाक के नीचे कलेक्ट्रेट स्थित असलहा कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार इस समय अपने चरमोत्कर्ष पर है। लेकिन जिले के हुक्मरान की नजर इधर नहीं है। इसका कारण जो भी हो लेकिन यहाँ पर शासना देश की धज्जियां धड़ल्ले से उड़ाया जा रहा है। 
मिली खबर के अनुसार गलत कार्यो को अंजाम देकर इस कार्यालय के बाबू गण मालामाल हो रहे हैं उन्हें किसका प्रश्रय हासिल है यह तो छानबीन के बाद ही पता चल सकता है। बतादे कि इस कार्यालय में पूर्व में बने लाइसेंसों में हेराफेरी करने का जबरदस्त खेल प्रकाश में आया है। जनपद के थाना सरायख्वाजा क्षेत्र के निवासी राम नरायन तिवारी नामक व्यक्ति ने एक शस्त्र लाइसेंस प्राप्त किया जिसका नम्बर 633 है। यह लाइसेंस मात्र उत्तर प्रदेश के लिये बना था। लेकिन वर्तमान समय में यह लाइसेंस आल इंडिया के नाम से बन गया है। जबकि इसके बाबत उत्तर प्रदेश शासन का कोई आदेश पत्रावली मे उपलब्ध नहीं है। शासनादेश के अनुसार प्रदेश स्तर से आल इंडिया लाइसेंस बनाने का अधिकार प्रदेश गृह विभाग को प्राप्त है इसके लिए पूरी रिपोर्ट एवं जिलाधिकारी की संस्तुति के साथ पत्रावली शासन में जाती है वहां से आदेश मिलने पर आल इंडिया का लाइसेंस जारी किया जा सकता है  लेकिन इसमें ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है बस सीधे लाइसेंस पर आल इंडिया कर दिया गया है। 
इसी तरह एक दूसरे लाइसेंस का भी मामला प्रकाश में आया है। जनपद आजमगढ़ के निवासी मो.अनवर  नामक व्यक्ति ने जौनपुर के थाना जफराबाद क्षेत्र स्थित कस्बा जफराबाद के नसही के पता से एक एस बी बीएल गन का लाइसेंस सन् 2005 में जारी कराया और असलहा खरीद भी लिया। लेकिन अभी अगस्त 2020 में इसने कार्यालय की कृपा से बगैर किसी आदेश के अपने एस बी बीएल गन के लाइसेंस को पिस्टल में परिवर्तित कराके रिवाल्वर भी खरीद लिया है। जबकि इस मामले में 12.10.91 को शासन ने पत्रांक संख्या 155 से एक आदेश जारी किया है कि लाइसेंस मिलने के पश्चात यदि लाइसेंसी असलहा खरीद लिया है तो स्वीकृत लाइसेंस की स्थिति को परिवर्तित नहीं किया जा सकता है नहीं उसके आधार पर दूसरी प्रकृति का असलहा क्रय किया जा सकता है। फिर भी यहाँ पर वह सबकुछ हो गया जो शासनदेश के विरुद्ध है। खबर यह है कि इन सबके पीछे कार्यालय में धनोपार्जन का बड़ा खेल किया जा रहा है।  
बताया तो यह भी जा रहा है कि मो.अनवर की आम छबि अच्छी नहीं है इनके द्वारा लाइसेंस के नाम पर क्रय किये गये असलहे का दुरुपयोग संभावित है। यहां सवाल इस बात का है कि क्या जिला प्रशासन यहाँ के भ्रष्टाचार की जांच कराके कोई कार्यवाही कर सकता है या फिर इस कार्यालय को मनमानी करने की छूट प्रदान करेगा। जिम्मेदार अधिकारी से इस मामले में बात करने का प्रयास किया गया लेकिन उनके सरकारी मोबाइल रिसीब ही नहीं हो सके है। जिससे अधिकारी का वर्जन संभव नहीं हो सका है। 

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