भाजपा को सत्ता से बेदखल करने के शिवपाल ने सभी छोटे दलों को एक जुट होने की किया अपील

 

 लखनऊ। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुखिया शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी के किसी भी अन्य दल में विलय की लगाई जा रही अटकलों को खारिज करते हुए साफ किया है कि प्रसपा का स्वतंत्र आस्तित्व बना रहेगा। उन्होंने गैर भाजपा दलों से एकजुटता की अपील करते हुए कहा कि प्रसपा का गैर भाजपा वाद का विचार महान विचारक डा. लोहिया के तत्कालीन गैर कांग्रेसवाद की भांति परिवर्तनगामी इतिहास का स्वर्णिम अध्याय बनेगा।
प्रसपा प्रमुख ने कार्यकर्ताओं से यूपी के आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में अभी से जुटने का आह्वान करते हुए कहा कि पार्टी सम्मान जनक गठबंधन करेगी। शिवपाल ने भाजपा को सत्ता से हटाने के लिए सभी छोटे दलों से एक साथ आने की अपील भी की। बताते चले कि पिछले लोकसभा चुनाव से पहले भी शिवपाल यादव ने करीब आधा दर्जन छोटे दलों को मिला कर प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक अलायंस बनाया था। हालांकि उनक इस अलायंस को सफलता नहीं मिली थी।
शिवपाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से पिछले दिनों कृषि बिल के खिलाफ किए गए प्रदर्शन की तर्ज पर जनता के मुद्दों को लगातार उठाने तथा उसके लिए लगातार संघर्ष करने की बात करते हुए कहा कि सरकार द्वारा धरना, प्रदर्शन, सत्याग्रह के संविधानप्रदत्त मूलभूत लोकतांत्रिक नागरिक अधिकारों का पुलिस बल के दुरुपयोग से बर्बरतापूर्वक दमन किए जाने से पार्टी झुकने वाली नहीं है।
उन्होंने हाथरस में हुई घटना की घोर भर्तसना  करते हुए पीड़ितों के परिजनों के प्रति सांत्वना प्रकट की और हाथरस में मीडिया कर्मियों व प्रतिपक्ष के सम्मानित नेताओं को अपमानकारी तौर-तरीके से रोका जाने को दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि ऐसे प्रावधान सुनिश्चित किए जाए जिससे ऐसी निन्दनीय व अवांछनीय घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार पर योगी सरकार की पोल पूर्णतया खुल चुकी है। जनमानस में व्याप्त आक्रोश को भटकाने के लिए वर्तमान सरकार अमूर्त, भावनात्मक तथा सांकेतिक मुद्दों को यदा-कदा उछालती रहती है। कभी राष्ट्रवाद की ओट में विभेदनकारी साम्प्रदायिकता की विष-बेल खिलाती है तो कभी युद्ध का काल्पनिक उन्माद पैदा करती है। यह सरकार अधिकारों का अधिकतम भोग करते हुए कर्तव्यों का न्यूनतम निर्वाह कर रही है।
उन्होंने यूपी सरकार पर नौकरशाही के हावी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि यूपी में शासन तंत्र पूरी तरह से जड़ नौकरशाही के हवाले है। धीरे-धीरे लोकशाही को पंगु बनाया जा रहा है। अपवादस्वरूप एक-दो मंत्री को छोड़कर किसी भी सांसद, विधायक से लेकर जिला पंचायत सदस्य व प्रधान तक को नौकरशाही व दरोगा तंत्र जब चाहे तब अपमानित कर देता है। उन्होंने कहा कि प्रसपा हर घर में एक रोजगार’’ और समान शिक्षा नीति की वकालत करती है। सबको गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, रोजगार तथा पुरानी पेंशन मिलनी चाहिए।

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