क्रूर काल ने एक झटके में एक परिवार की छीन ली तीन जिन्दगियां, परिवार में पसरा मातमी सन्नाटा

काल के क्रूर मजाक से वाराणसी के डोमरी गांव में अब मातम और आंसुओं का सैलाब है। रामनगर में बुधवार अलसुबह हुए दर्दनाक सड़क हादसे ने डोमरी निवासी एक परिवार की सारी खुशियां छीन लीं। जिस घर में कुछ दिन बाद शहनाई बजनी थी, वहां पर मातमी सन्नाटा छा गया है। एक झटके में तीन जिंदगियां खत्म हो गईं। शादी की खुशियां उस समय मातम में बदल गईं, जब होने वाली दुल्हन के पिता, भाई और बहन की सड़क हादसे में मौत हो गई। तीनों एक ही बाइक से बीएचयू अस्पताल से डोमरी स्थित घर जा रहे थे। 
रामनगर नगर के कोदोपुर स्थित बंधन लॉन के समीप एक बेकाबू ट्रैक्टर-ट्रॉली की टक्कर से बाइक सवार तीनों की मौत हो गई। सड़क हादसे में पिता-पुत्र और पुत्री की मौत से परिवार समेत पूरे गांव में कोहराम मच गया। एक साथ तीन मौत के बाद उपजी चीत्कार और चीखपुकार थमने का नाम नहीं ले रही। होने वाली दुल्हन और उसकी मां की हालत बेसुधों जैसी है। 
रामनगर थाना क्षेत्र के डोमरी निवासी प्लास्टिक दाना कारोबारी अविनाश प्रसाद (65) का मार्च से सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शुक्रवार को डायलिसिस होता था। अविनाश की बड़ी पुत्री की शादी 21 मई को तय है। मंगलवार को अविनाश अपने बड़े बेटे रतनदीप सोनी व छोटी बेटी ज्योति के साथ बीएचयू अस्पताल डायलिसिस कराने गए थे। डायलिसिस होने के बाद बुधवार अलसुबह तीनों एक ही बाइक से घर जा रहे थे। बाइक रतनदीप चला रहा था। कोदोपुर स्थित बंधन लॉन के समीप बेकाबू ट्रैक्टर ने बाइक में पीछे से टक्कर मार दी। घटना के बाद सभी सड़क पर गिरे। चालक सभी को रौंदते हुए ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर फरार हो गया।
हादसे में पिता अविनाश प्रसाद और पुत्री ज्योति की मौके पर ही मौत हो गई। गंभीर रूप से घायल रतनदीप ने फोन कर अपने चाचा राकेश को हादसे की सूचना दी। इधर, मौके पर जुटे स्थानीय लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस घायल रतनदीप को लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल ले जा रही थी। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। अविनाश मूलरूप से लोहटिया के रहने वाले थे। पिछले लगभग 20 वर्ष से डोमरी में मकान बनाकर परिवार संग रहते थे। अविनाथ को सात पुत्री और दो पुत्र हैं। हादसे में एक पुत्र और पुत्री की मौत हो गई। 
अविनाश प्रसाद की बड़ी बेटी प्रीति की बरात 21 मई को आनी है। घर में शादी की तैयारियां चल रही थी। घर में मेहमानों का आना जाना था, प्रीति बेहद खुश थी। बुधवार सुबह सड़क हादसे की खबर आते ही मानो सन्नाटा छा गया। पिता अविनाश, बहन ज्योति व भाई रतनदीप की मौत की खबर से प्रीति बेसुध हो गई। वहीं उसकी मां सकते में आ गई। वो बिलखते हुए कह रही थी कि अब केकरा सहारे जियब हो भगवान.. हमरा रजवे कहा लेगइला हो भगवान।
इनकी मार्मिक चीत्कार को सुनकर हर किसी की आंखें नम हो गईं। इस दौरान परिवार वालों की चीत्कार सुन हर किसी का कलेजा फटा जा रहा था। सबकी आंखें नम दिखीं। रोने के सिवाय किसी के मुंह से कुछ बोल नहीं निकल पा रहा। रिश्तेदार और मित्र घर पहुंचकर शोक संतप्त परिजनों को ढांढ़स बढ़ा रहे हैं लेकिन इस घटना ने गांववालों और रिश्तेदारों को भी गमगीन कर दिया है। 

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