अपराध रोकने के बजाय धनोपार्जन में जुटी पुलिस के कार्य प्रणाली से अपराधियों के हौसले बुलंद, लगातार बढ़ रहा है अपराध का ग्राफ



 जौनपुर।  जनपद में अपराध का ग्राफ कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है वहीं पुलिस कानून व्यवस्था को चुस्त करने के बजाय केवल धनोपार्जन में जुटी हुई हैं।  इसके पीछे जिम्मेदार कौन है यह तो उच्च स्तरीय अधिकारी जाने लेकिन इसका खामियाजा आम जन मानस को भुगतान पड़ रहा है। हत्या बलात्कार लूट की घटनाये अब जनपद में आम होती जा रही है। हां सरकार के इशारे पर पुलिस ऐसे कारनामें कर रही है जिसे लेकर समाज में सवाल तो खड़े किये जा रहे हैं लेकिन सामने आकर विरोध नहीं जता सकते क्योंकि पुलिसिया डन्डा और कानून का शिकंजा दोनों लादा जा सकता है। 
बतादे बीते शनिवार को थाना चन्दवक क्षेत्र स्थित ग्राम अमरौना में पैसे के लेन देन के मामूली विवाद में कानून और पुलिस के डर से बेखौफ लोगों ने 62 वर्षीय बंशीलाल यादव की कुल्हाड़ी और राड से सर कूच कर हत्या कर दिये  और फरार भी हो गये है। घटना की सूचना पर लगभग दो घन्टे बाद चन्दवक के थानेदार  तथा अपर पुलिस अधीक्षक सिटी घटना स्थल पर पहुंचे मृतक के पुत्र की तहरीर पर दो व्यक्तियों क्रमशः श्याम जीत यादव एवं उसके पुत्र बुधिराम यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर अपनी जिम्मेदारी को पूरा कर लिए साथ ही बयान जारी कर दिया कि पैसे के लेन देन को लेकर हत्या की गयी है । यहाँ पर सवाल खड़ा होता है कि पुलिस इतनी तेज है कि हत्यारे नामजद होने के बाद भी घटना के 24 घन्टे से अधिक समय बीतने के बाद भी अभी तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सके है। 
थाना नेवढियां क्षेत्र स्थित ग्राम आदीपुर में शनिवार को मदन लाल गुप्ता की 5 वर्षिया पुत्री की लाश उनके घर से मात्र 15 से 20 मीटर दूरी पर एक गटर में मिली है। बालिका दो दिन पूर्व से गायब थी बच्ची के पिता ने पुलिस में लापता होने की सूचना दिया था लेकिन पुलिस की सेहत पर कोई असर नहीं वह तो धनोपार्जन में जुटी रही बच्ची को तलाशने को प्राथमिकता नहीं दिया। जिसका परिणाम हुआ कि अपराधी ने अबोध काल के गाल में भेज दिया ।इसके बाद भी सूचना पाने के डेढ़ घन्टे बाद थानेदार साहब को घटना स्थल पर पहुंचने का समय मिला। इसके बाद तो विधिक कार्यवाही करके बैठ गये जिम्मेदारी खत्म अपराधी का पता नही। मृतक बालिका की मां का स्पष्ट आरोप है कि यदि पुलिस समय से सक्रिय हुई होती तो सायद उसकी पुत्री की जान बच सकती थी। यहाँ भी अपराधी में न तो कानून का भय दिखा न ही पुलिस का खौफ,ऐसे में जाहिर है कि अपराधी ने बुलंद हौसलो से अपराध कारित कर निकल गया। 
घटना के दूसरे दिन वाराणसी परिक्षेत्र के आईजी एवं पुलिस अधीक्षक सहित पूरा पुलिस अमला थाना नेवढियां गया था यहाँ भी अधिकारी ने थाने दार द्वारा बतायी गयी कहानी मीडिया में जारी कर दिया लेकिन पुलिस की लापरवाहीयो पर कोई ध्यान नहीं दिया। ऐसे में क्या उम्मीद की जा सकती है कि पुलिस कितनी सक्रिय भूमिका में रहेंगी। 
इसी तरह पुलिसिया गुन्डई का एक उदाहरण थाना मछली शहर का चर्चा में आया है। थाने की बिजली कटने के कारण थानेदार और पुलिस कर्मियों द्वारा बिजली के लाइन मैन को खुले आम बुरी तरह से मारा पीटा इस घटना का विरोध बिजली विभाग के कर्मचारी करते रहे कोई असर नहीं हुआ। मजेदार बात यह भी है कि घटना के दिन आईजी वाराणसी परिक्षेत्र थाने का निरीक्षण करने गये थे घटना उनके संज्ञान में भी आई लेकिन आईजी साहब ने किसी तरह की पूंछ ताछ थानेदार नहीं किया कारण जो भी हो लेकिन इससे पुलिस विभाग मनमाना हो सकता है। 
इस तरह की तमाम घटनाये है थानेदार साहब केवल धनोपार्जन में जुटे नजर आते है। पीड़ित अपनी समस्या बताते हैं लेकिन साहब तब तक टस से मस नहीं होते हैं जब तक जेब गरम न हो जाये। मजेदार बात यह भी है कि धनोपार्जन न होने की दशा में थानों की पुलिस घटना पर तब पहुंचती है जब कोई जघन्यतम घटना जैसे हत्या आदि हो जाये। अन्यथा उसकी बला से, वह तो अपने मिशन में मस्त है। 
इस प्रकार पुलिस की उदासीनता पूर्ण कार्यों की खबर अब जनपद के अपराधियों को बखूबी हो चुकी है इसलिए बेहिचक अपराध कारित कर निकल जा रहे हैं। हां एक काम और भी पुलिस कर रही है कि विभाग के शीर्ष अधिकारी लगातार आम जन के साथ मधुर संबंध स्थापित करने की बातें भले ही करे लेकिन स्थानीय पुलिस को यह मसविदा रास नहीं आ रहा है।  



        

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