माता बनी कुमाता: जानें कैसे शर्मसार हुई मां की ममता,नवजात का जीवन कैसे फंसा कानूनी पचड़े में


जौनपुर। बेटा पैदा होता है भाग्य से लेकिन बेटी का जन्म सौभाग्य से होता है।इस मुहावरे को दफन करते हुए जनपद जौनपुर में एक बार फिर मां की ममता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है। एक मां ने अपनी कुछ घंटे की नवजात बच्ची को ग्राम उसरौली शहाबुद्दीनपुर स्थित एक गड्ढे में फेंक दिया। किसी की नजर न पड़े इसलिए गड्ढे को झाड़ियों से ढंक भी दिया। नवजात बच्ची की नार के गीलेपन से ग्रामीण महिलाओं ने अनुमान लगाया कि बच्ची का जन्म चार घंटे पूर्व हुआ होगा।
वह कम से कम तीन घंटे तक गड्ढे में पड़ी रही होगी। सुबह साढ़े सात से आठ के बीच महिलाओं ने बच्ची की आवाज सुनी और तब वहां लोग जमा हुए। सूचना मिलने पर एक एनजीओ के लोगों ने उसे उठाया। उपचार के लिए चिकित्सक के पास ले गए। इसके बाद गांव की एक महिला के निवेदन पर देखरेख के लिए उसकी गोद में सौंप दिया।
ग्राम उसरौली शहाबुद्दीनपुर में एक घनी आबादी के पास गड्ढे में सुबह महिलाओं ने नवजात शिशु के रोने की आवाज सुनी। लोगों ने पास जाकर घूरे पर रखी झाड़ियों को हटाया तो अंदर नवजात रोती नजर आई। सूचना पर आस्था फाउंडेशन खुटहन के संस्थापक डॉ. अरविंद कुमार यादव एवं पूर्व प्रधान के पुत्र देवमणि यादव मौके पर पहुंचे।
देखा तो नवजात बच्ची की नार भी नहीं काटी गई थी। उसे धुलवाकर कपड़े में लपेट निजी चिकित्सक के पास ले गए। संस्था ने शिशु कन्या को देवी मान खुशी जताई और लोगों को मिठाई खिलाकर बधाई दी। बाद में गांव के कमलेश कुमार गौतम की पत्नी सुमन देवी ने गोद लेने के लिए अनुरोध किया। बताया कि हमारे दो पुत्र हैं कोई कन्या नहीं है। बच्ची देवी स्वरूपा है इसलिए हम गोद लेना चाहते हैं। सुमन की ममता को देखते हुए उन्हें बच्ची को देखरेख के लिए सौंप दिया गया।
आस्था फाउंडेशन के संस्थापक डॉ.अरविंद कुमार यादव ने बताया कि चिकित्सक को दिखाने के बाद नार काटने के बाद सभी ने सहमति से कमलेश व सुमन को बच्ची के पालन-पोषण के लिए सौंपा है। इस विषय में जो भी नियम कानून होंगे, हम उसका पालन कराएंगे। नवजात को फेंके जाने की घटना को लेकर गांव में तरह-तरफ की चर्चाएं रहीं।
नवजात बच्ची के मिलने के मामले में जिला बाल संरक्षण अधिकारी विजय पांडेय ने कहा कि उसे नियमानुसार बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। समिति देखेगी कि उसके कोई माता-पिता हैं या नहीं। उसको 24 घंटे बाद दत्तक ग्रहण इकाई मुगलसराय चंदौली को सौंपा जाएगा। वहीं उसका लालन पालन किया जाएगा। किसी को अपने से ही कोई बच्चा गोद देना न्याय संगत नहीं है। ऐसी हालात में छोड़ने वाले माता-पिता का पता चलेगा तो उसके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
पुलिस अधीक्षक डा.अजयपाल शर्मा ने कहा कि मामले में मुकदमा लिखा जाएगा। बच्ची को मेडिकल के लिए भेजा जाएगा। नवजात बच्ची को बाल कल्याण समिति को सौंपेंगे। उन्हीं को पावर होता है कि अब उस बच्ची को कहां भेजा जाए। जो भी हो कुमाता की करतूत से नवजात बच्ची का जीवन कानूनी पचड़े में उलझता नजर आ रहा है।

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