आखिर राजस्व परिषद के अध्यक्ष अपने निरीक्षण के दौरान मीडिया और जिम्मेदार अधिवक्ता समाज से दूरी क्यों बनाए रखा?


जौनपुर। जनपद स्थित कलेक्ट्रेट में राजस्व विभाग और न्यायिक कार्यो की स्थितियों सहित अन्य मामलो का निरीक्षण करने जौनपुर आये राजस्व परिषद के अध्यक्ष हेमन्त राव मीडिया और अधिवक्ताओ सहित जिले के अन्य जिम्मेदार नागरिको से दूरी बनाए रखे और पूरा निरीक्षण सरकारी तंत्र की नजरो से देख निरीक्षण की प्रक्रिया पूरी कर निकल गये।
अक्सर होता यह है कि प्रदेश स्तरीय अधिकारी अपने दौरे में मीडिया से मुलाकात रखते है ताकि सच्चाई से रूबरू हो सके और सरकारी तंत्र की पेंच कसते हुए जन हित के कार्यो को करा सके और आम जन मानस के प्रति न्याय कर सके लेकिन यहां पर अध्यक्ष ने मीडिया से दूरी बनाए रखा। मीडिया के लोग इंतजार करते रहे कि राजस्व परिषद के अध्यक्ष से मुलाकात हो तो उन्हे जिले के सच से रूबरू कराया जाए लेकिन ऐसा सम्भव नही हुआ इसके पीछे किसकी योजना रही यह तो जिला प्रशासन जाने अथवा राजस्व परिषद के अध्यक्ष लेकिन मीडिया से मिले बगैर चले जाना स्पष्ट रूप से संकेत करता है कि राजस्व परिषद के अध्यक्ष का निरीक्षण केवल एक कागजी खाना पूर्ति का खेल रहा है।
राजस्व परिषद अध्यक्ष के निरीक्षण के दौरान सीआरओ कोर्ट के सामने अधिवक्ता गण उनसे मिलने पहुंचे और यहां के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए न्याय बेचने का आरोप जड़ते रहे इसके बाद भी अध्यक्ष राजस्व परिषद ने जरूरत नहीं समझा कि समस्याओ से रूबरू हो सके। हलांकि अधिवक्ताओ ने तहसील सदर में व्याप्त भ्रष्टाचार को जोर शोर से उठाया और अध्यक्ष सुन कर अनसुनी कर गये कोई कार्रवाई किसी के खिलाफ नहीं किए बल्कि पूरी जांच को आल इज वेल करके निकल गये। राजस्व परिषद के अध्यक्ष श्री राव की जांच पड़ताल निरीक्षण सब कुछ आम जनमानस के बीच चर्चा का बिषय बना हुआ है। आखिर भ्रष्टाचारी बच कैसे गये है। निरीक्षण के नाम पर खाना पूर्ति क्यों हुई है।

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