रेलवे के ग्रुप डी की भर्ती में धांधली और पेपर लीक मामले में विधायक बेदी राम सहित 18 पर आरोप हुआ तय
रेलवे में ग्रुप डी की भर्ती में धांधली और इसी से जुड़े गिरोह बंद अधिनियम के दो अलग-अलग मामलों में शुक्रवार को विधायक बेदीराम और विपुल दुबे सहित 18 आरोपियों पर आरोप तय कर दिए। गैंगस्टर कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पुष्कर उपाध्याय ने दोनों ही मामले में गवाहों को तलब करते हुए सुनवाई के लिए सात अगस्त की तारीख तय की है। वहीं, कोर्ट ने दोनों मामलों में आरोपी कृष्ण कुमार के खिलाफ मामला बंद कर दिया, क्योंकि उनकी की मौत हो चुकी है।
इससे पूर्व शुक्रवार को रेलवे भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने और गैंगस्टर के मामलों में बेदीराम उर्फ बेदीलाल, संजय श्रीवास्तव, विपुल दुबे, मनोज कुमार मौर्य, शैलेश कुमार सिंह, भद्रमणि त्रिपाठी, आनंद कुमार सिंह यादव, कृष्णकांत, रमेश चंद्र पटेल, मोहम्मद असलम, अवधेश सिंह, सुनील कुमार यादव, दीना उर्फ दीनदयाल, शिव बहादुर सिंह, अख्तर हुसैन, धर्मेंद्र कुमार, रश्मि चंद्रा और राम कृपाल कोर्ट में हाजिर हुए। जहां बेदीराम और अवधेश की ओर से दोनों मामलों में आरोपों से मुक्त करने की मांग वाली अर्जी दी गई, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। कहा कि अर्जी देकर आरोपी कोर्ट की कार्यवाही को विलंबित करना चाहते हैं, जबकि वे चाहते तो पहले ही अर्जी दे सकते थे।
विशेष अभियोजक इल्तमाश अहमद और जितेंद्र श्रीवास्तव के अनुसार इस मामले में 26 फरवरी 2006 को एसटीएफ के अपर पुलिस अधीक्षक राजेश पांडेय व उनकी टीम ने बेदीराम, विपुल दुबे, संजय श्रीवास्तव, कृष्ण कुमार, मनोज कुमार मौर्य, शैलेश कुमार सिंह, रामकृपाल सिंह, भद्रमणि त्रिपाठी, आनंद कुमार सिंह, कृष्णकांत, धर्मेंद्र कुमार, रमेश चंद्र पटेल, मोहम्मद असलम ,अवधेश सिंह, सुशील कुमार व अख्तर हुसैन को कृष्णानगर के नंदनगर स्थित एक मकान से गिरफ्तार किया था। उस वक्त पुलिस ने आरोपियों के पास से रेलवे भर्ती ग्रुप डी के 26 फरवरी 2006 की परीक्षा से संबंधित प्रश्न पत्र, कई परीक्षार्थियों शैक्षणिक अभिलेख और कई वाहन बरामद किए थे। आरोपियों पर आरोप है कि उन्होंने अपने आर्थिक लाभ के लिए रेलवे के प्रश्न पत्र को लोगों को बेचा है।
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