प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए चल सकती है ट्रेनें



नई दिल्ली।    गृह मंत्रालय ने प्रवासी मजदूरों को लेकर बुधवार को नई गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन के बाद प्रवासी मजदूर अपने अपने राज्यों में जा सकते हैं।
इसके बाद कई राज्य सरकारों ने मांग की है कि मजदूरों की संख्या और अलग अलग राज्यों में फंसे होने की वजह से बसों का संचालन कर पाना मुश्किल है, लिहाजा केंद्र सरकार ट्रेनों के संचालन की मंजूरी दे। मिली जानकारी के मुताबिक राज्यों की ट्रेन चलाने की मांग पर केंद्र सरकार गंभीर है।
जानकारी के मुताबिक विचार इस बात पर हो रहा है कि विशेष ट्रेनों का संचालन किस तरह से किया जाए। इसके लिए एक सुझाव दिया गया है ट्रेनें एंड टू एंड चलाई जाएं। इस मतलब है कि बीच के स्टेशनों पर ट्रेनों का ठहराव न हो। आप इसे ऐसे समझिए जैसे कोई ट्रेन से दिल्ली से पटना जा रही है तो वो बीच के स्टेशनों पर नहीं रुकेगी। यह भी जानकारी मिल रही है कि ट्रेनों के चलाए जाने पर रेलवे का कहना है कि उसे किसी तरह की परेशानी नहीं है।
इन राज्यों ने की अपील
उप्र के सीएम योगी आदित्य नाथ एवं राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने नई गाइडलाइन के बाद कहा कि यह स्वागतयोग्य कदम है, लेकिन अलग अलग प्रदेशों में मजदूरों के फंसे होने की वजह से बसों के जरिए लाना मुमकिन नहीं होगा। इसलिए केंद्र से अपील है कि वो स्पेशल ट्रेनें चलाये। 
इसके बाद बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी की तरफ से भी यही मांग आई कि उनके राज्य के करीब 20 लाख मजदूर अलग अलग राज्यों में हैं। लिहाजा बिहार सरकार के सामने भी बड़ी चुनौती है। यहां बता दें कि राजस्थान आने के लिए करीब 6 लाख मजदूरों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। उप्र आने कके लिए लगभग 5 लाख मजदूरों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।

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