कुंभकर्णीय नींद से जागा स्वास्थ्य महकमा — अवैध रूप से संचालित मां प्रेमा हॉस्पिटल सील, डॉक्टर फरार

जौनपुर। लापरवाही की गहरी नींद में सोया स्वास्थ्य विभाग आखिरकार उस वक्त जागा जब समाजसेवी जंगबहादुर राठौर ने सोमवार को डीएम कार्यालय के सामने आत्मदाह का प्रयास करते हुए विभाग पर गंभीर आरोप लगाए। 

 उन्होंने कहा था कि नगर कोतवाली क्षेत्र के रसूलाबाद मोहल्ले में मां प्रेमा हॉस्पिटल नाम से एक अवैध अस्पताल चल रहा है, जहां सुनील नामक युवक बिना किसी चिकित्सकीय डिग्री के “डॉक्टर” बनकर इलाज कर रहा है। इतना ही नहीं, राठौर ने यह सनसनीखेज आरोप भी लगाया कि दो वर्ष पूर्व इसी अस्पताल में नाबालिग लड़की से डिलीवरी कराई गई थी और नवजात को वाराणसी में बेच दिया गया था। 

 मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र और मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. लक्ष्मी सिंह ने एडिशनल सीएमओ डॉ. राजीव यादव के नेतृत्व में जांच टीम गठित की। टीम मंगलवार को जब मां प्रेमा हॉस्पिटल पहुंची तो “कथित डॉक्टर” सुनील कुमार मौके से फरार हो गया। छापेमारी के दौरान टीम ने देखा कि अस्पताल के बंद किए गए वार्ड के मरीजों को पास के एक मकान में छिपाकर रखा गया था, जहां ऑपरेशन के बाद उनका उपचार जारी था। स्वास्थ्य विभाग की टीम के पहुंचते ही दो मरीज वहां से भाग खड़े हुए, जबकि कमरे में ऑपरेशन के उपकरण, दवाएं और वार्ड जैसी व्यवस्था पाई गई। 

 एडिशनल सीएमओ राजीव यादव ने बताया कि पूरे प्रकरण की रिपोर्ट सीएमओ को सौंप दी गई है, और दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। वहीं, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. लक्ष्मी सिंह ने कहा कि “जनपद में किसी भी कीमत पर अवैध रूप से अस्पताल या नर्सिंग होम संचालित नहीं होने दिए जाएंगे। लगातार मिल रही शिकायतों पर छापेमारी अभियान जारी रहेगा।” इस कार्रवाई के बाद जिले के स्वास्थ्य विभाग और अवैध रूप से चल रहे हॉस्पिटलों में हड़कंप मचा हुआ है। शकरमंडी चौकी प्रभारी कंचन पांडेय की मौजूदगी में मां प्रेमा हॉस्पिटल को तुरंत सील कर दिया गया।

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