मौत का सिरप बेचने वाले नशे के सौदागरों पर शासन का शिकंजा
एसटीएफ की गिरफ्तारी के ख़ौफ़ से जौनपुर के 18 आरोपी हुए भूमिगत, मोबाइल भी हुआ स्विच आफ
एसआईटी को खोजे नहीं मिल रहे हैं मेडिकल एजेंसी संचालक
जौनपुर। मौत का सिरप बेचने वाले नशे के सौदागरों पर प्रदेश शासन का शिकंजा करते ही सभी भूमिगत हो गए हैं। इनमें जौनपुर के वह 18 मेडिकल एजेंसी संचालक शामिल हैं। जिन्हें एसआईटी ने अभी दो दिन पहले हीउनके संबंधित प्रतिष्ठान और आवास पर नोटिस चस्पा कर उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया है ।
लेकिन इस पूरे बड़े सिंडिकेट में शामिल जौनपुर निवासी बड़े नमकीन माफिया अमित सिंह टाटा, एसटीएफ के बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह और वाराणसी के शुभम जायसवाल के पिता भोला जायसवाल गिरफ्तारी के बाद जौनपुर के सभी 18 मेडिकल स्टोर संचालकों की नींदे उड़ गई हैं।
वजह यह की अरबों के इस काले धंधे में शामिल नशे के सौदागरों को बखूबी पता है कि जांच पड़ताल के दौरान सही बातें न बताने पर अगर एसआईटी अथवा नगर कोतवाली पुलिस के विवेचना अधिकारी के पास गए तो फिर उनकी गिरफ्तारी तय है। इससे सहमें कुछ नामचीन मेडिकल स्टोर संचालकों के मोबाइल भी अब बंद हो गए हैं। लेकिन गिरफ्तारी के खौफ से सहमें सभी आरोपितों
अब अपने चिन्हित ठिकाने और रोजमर्रा की जिंदगी से खुद को अलग कर लिया है।
इस संबंध में जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि नगर कोतवाली पुलिस ने शनिवार को सभी मेडिकल एजेंसी संचालकों के घर पहुंच कर हाजिर होने और अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस दिया। जिनके यहां कोई नहीं मिला उनके घर पर नोटिस चस्पा की गई। जौनपुर कोतवाली में जिला औषधि निरीक्षक रजत कुमार पांडेय की तरफ से दो मुकदमे दर्ज कराए गए हैं, जिनमें कुल 18 लोग आरोपी हैं। इसमें से 15 आरोपी जिले के रहने वाले हैं।
वाराणसी निवासी शुभम जायसवाल और उसके पिता भोला जायसवाल की रांची स्थित शैली ट्रेडर्स से जौनपुर सहित अन्य जिलों में भारी विवेचना के दौरान बयान दर्ज कराने के लिए पुलिस ने नोटिस चस्पा किया मामले में 15 फर्म संचालकों के खिलाफ दर्ज किया गया है।
इनके खिलाफ दर्ज किया गया है केस
जौनपुर। जौनपुर में हुई नशे के बड़े कारोबार का खुलासा करने वाले तेज तर्रार औषधि निरीक्षक रजत कुमार पांडेय की टीम ने नगर कोतवाली में जिन 18 लोगों के खिलाफ दो बार में मुकदमा दर्ज कराया है। उनमें
21 नवंबर को 14 मेडिकल एजेंसी संचालकों के खिलाफ पहला मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसके ठीक 9 दिन बाद 30 नवंबर को चार अन्य आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। अरबों के इस लंबे खेल में शैली ट्रेडर्स के संचालक सिरफ़ तस्करी के मुख्य सरगना वाराणसी जनपद निवासी शुभम जायसवाल और उसके पिता भोला जायसवाल के साथ ही सहारनपुर के जय अशोक विहार कालोनी निवासी वान्या इंटर प्राइजेज के विशाल उपाध्याय, जौनपुर नगर कोतवाली के चितरसारी शकरमंडी निवासी आकाश मौर्या, अरुण सोनकर, जमालपुर निवासी शिवम मौर्या, ढालगर टोला निवासी अंकित कुमार श्रीवास्तव, संजीव कुमार चौरसिया सुजानगंज के बलवरगंज निवासी सौरभ गुप्ता, अरुण प्रकाश मौर्या, नगर कोतवाली अंतर्गत बलुआघाट मोहल्ला निवासी ओमप्रकाश मौर्या, सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के सर्फराजपुर निवासी अनुप्रिया सिंह, दीलाजाक अकबरी मार्केट निवासी मो. सलमान अंसारी, लाइन बाजार थाना अंतर्गत मुरादगंज निवासी अंकुल कुमार मौर्या, कटघरा निवासी विवेक यादव, ओलन्दगंज निवासी देवेश कुमार निगम व मुफ्ती मोहल्ला निवासी महरून निशा वांछित हैं।
12 फार्मो के जरिए हुआ 42 करोड़ का लेनदेन
जौनपुर। सीओ सिटी गोल्डी गुप्ता ने बताया किया की इनके खिलाफ नगर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की है। एसआईटी की भी जांच हो रही है। जांच में आरोपी पक्ष का भी बयान होना है। ऐसे में पुलिस ने प्रक्रिया को आगे बढ़ाया और सभी के घर नोटिस दी गई। वहीं विशेष जांच दल (एसआइटी) संभावित स्थानों पर दबिश दे रही है।
अभी तक की जांच में पता चला कि जौनपुर जिले की 12 फर्मों के, जरिए करीब साढ़े 42 करोड़ रुपये का कारोबार किया गया। यहां सिरप तो नहीं आया, लेकिन कागजों में यहां से बिक्री दिखायी गई। इसी तरह वान्या इंटर प्राइजेज से भी यहां की तीन फर्मों ने करीब ढाई करोड़ से अधिक के कोडीनयुक्त कफ सिरप का कारोबार
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