सवाल: क्या प्रबन्धक हत्या काण्ड का सिकरारा पुलिस ने सही खुलासा किया है घटना के बाबत तीन कहानी में सच कौन ?


 जौनपुर। थाना सिकरारा क्षेत्र स्थित ग्राम उतिरायी बड़ेरी में सभापति इन्टर कालेज के प्रबन्धक सभापति दूबे 80 वर्ष की हत्या के आरोप में पुलिस ने उन्ही के नौकर को अभियुक्त करार देते हुए घटना के दूसरे दिन  6 जुलाई को खुलासा करते हत्या में प्रयुक्त डन्डा व मृतक का मोबाइल एवं  लूट का 70 हजार रुपये की वरामदगी दिखा कर पुलिस की सक्रियता का संदेश दिया है ।
इस घटना के खुलासे का दावा करते हुए पुलिस ने जो कहानी बताया है वह संदेह पैदा करता है कि क्या सचमुच सही अभियुक्त पकड़ा गया है। मीडिया के समक्ष पुलिस अधीक्षक ने बयान दिया कि प्रबंधक सभापति दूबे अपने चपरासी  अभियुक्त चन्द प्रकाश पाण्डेय पुत्र दयाशंकर पाण्डेय निवासी ग्राम नन्दलालपुर थाना रामपुर जौनपुर का वेतन रूपया तीन हजार नहीं दे रहे थे इसी से नाराज होकर चपरासी चन्द प्रकाश पाण्डेय ने डन्डे से हत्या कर मोबाइल और 70 हजार रुपये लूट लिया था। पुलिस विभाग की विज्ञप्ति में कहा गया है कि सभापति दूबे अविवाहित और अपंग थे और अपने भाई के नाती को अपना वारिस बनाये थे। साथ ही विज्ञप्ति में यह भी कहा है कि भाई के दामाद से प्रबन्धक पद को लेकर विवाद चल रहा था। इतना ही नहीं पुलिस ने अपने विज्ञप्ति में यह कहा कि सभापति दूबे निर्वस्त्र होकर अपने चपरासी से मालिश कराता था जिसे चपरासी चन्द प्रकाश पाण्डेय को पसंद नहीं था। इससे नाराज हो कर उसने प्रबंधक सभापति दूबे की हत्या कर दिया है। 
इस तरह घटना और गिरफ्तार अभियुक्त को लेकर पुलिस द्वारा तीन कहांनी बतायी गयी है सच क्या है यह तो जांच का बिषय है। लेकिन यहां पर पुलिस की कहानी ही खुलासे पर आशंका पैदा करती है। पहली बात तो महज तीन हजार रुपये के लिए चपरासी को इतना बड़ा कान्ड करना गले के नीचे नहीं जा रहा है। निर्वस्त्र होकर मालिश करने की कहानी मान ले तो नापसंद होने की दशा मे वह नौकरी छोड़ कर भाग सकता था हत्या क्यों करेगा। हां भाई के दामाद से प्रबन्धक पद को लेकर चल रही रंजिस कारण बन सकती है क्योंकि यह एक बड़ी सम्पत्ति से  जुड़ा मामला है। पुलिस इस दिशा में न जाकर चपरासी को अभियुक्त बना कर जो कहानी बताया है उसमें कुछ न कुछ लोचा जरूर है। हां यदि इस घटना की विवेचना थाना सिकरारा से हटा कर किसी उच्च स्तरीय अधिकारी से करायी जाये तो असली हत्यारे का नाम सामने आ सकता है। ऐसा होगा अथवा नहीं यह तो विभाग के अधिकारी जाने लेकिन आशंकाओं का समाधान जरूर होता है। 

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