अब सूबे में पुलिस विभाग से भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए सरकार ने जानें क्या बनायी रणनीति


सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अब उत्तर प्रदेश पुलिस महकमे में व्याप्त भ्रष्टाचार को खत्म करने की अपनी रणनीति पर अमल करना शुरू कर दिया था। अब आगे भविष्य में महकमे में भ्रष्ट व आम जनता के साथ अभद्रता करने वाले पुलिस कर्मियों को योगी सरकार कतई बर्दाश्त नही करेगी। अभी हाल ही मे  सूबे के कई जनपदों से थानाध्यक्षों व पुलिस कर्मियों के भ्रष्टाचार व जनता के साथ अभद्रता करने की शिकायतें योगी सरकार को मिली हैं। जिसको लेकर योगी सरकार अब इस मामले में सख्ती बरतने जा रही है। 
सीएम योगी का मानना है कि जनता से सीधे जुड़ा पुलिस महकमा है। अब अगर ये ही महकमा भ्रष्टाचार के दलदल में फंस कर आम जनता के साथ अमर्यादित व्यवहार करेगा तो इससे सरकार की ही छवि बिगड़ेंगी। सूबे के सीएम की इस मनोदशा को समझते हुए पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल ने सूबे के सभी जिलों के पुलिस कप्तानों व महानगरों के पुलिस कमिश्नरों से उनके जिलों में भ्रष्टाचारी, आम जनता तथा थानों में जाने वाले पीड़ितों के साथ अमर्यादित व्यवहार करने वाले पुलिस कर्मियों का ब्यौरा तलब किया है। सूबे के डीजीपी मुकुल गोयल ने सभी एसपी एसएसपी व पुलिस आयुक्तों को निर्देश दिये हैं कि वे अपने अपने जिलों में तैनात ऐसे पुलिस कर्मियों की डिटेल्स भेजें जो भ्रष्टाचारी हों और आम जनता व पीडितों के समक्ष पुलिसिया रोब के साथ पेश आते हों। 
डीजीपी ने इन सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से कहा है कि प्रत्यके माह की सात तरीख को इस तरह की जानकारी पुलिस मुख्यालय भेजनी होगी। इसके लिए पुलिस मुख्यालय से दो पेज का प्रोफार्मा भेजा गया है। इस प्रोफार्मा में अब तक कितने पुलिस कर्मियों के खिलाफ शिकायत मिली, उनके खिलाफ क्या कार्रवाइयां हुईं हैं, वह किस रैंक का है, ये सब डिटेल्स भरकर भेजना होगा। इस नए मिशन का नोडल प्रभारी एडीजी अपराध के एस प्रताप सिंह को बनाया गया है। पुलिस कर्मियों को दो चरणों में प्रशिक्षित किया जाएगा 
पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल के अनुसार योगी सरकार अब पुलिस महकमे को चुस्त दुरुस्त व भ्रष्टाचार मुक्त करना चाहती है। इस संदर्भ में सीएम योगी बेहद गम्भीर हो चुके हैं।उन्होंने बताया कि सीएम की मंशा है कि जनता व समाज के बीच पुलिस की अब ऐसी छवि बने जो लोगों के लिये नजीर बन सके। डीजीपी ने सूबे के सभी पुलिस अधिकारियों को पत्र भेजकर कहा है कि जब तक थानों में पुलिस का रवैया नही सुधरेगा तब तक आदर्श पुलिसिंग की परिकल्पना भी करना बेकार है। डीजीपी ने बताया कि आदर्श पुलिसिंग के लिए अब पुलिस कर्मियों को दो चरणों में प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में पुलिस उपाधीक्षक,निरीक्षक व उपनिरिक्षक स्तर के अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा।जबकि दूसरे चरण में अन्य पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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