बीएचयू में सर्जरी विभाग के चिकित्सको की टीम ने हृदय की महाधमनी का रास्ता बदलने में जानें कैसे पायी सफलता

इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आईएमएस) बीएचयू के कार्डियोथोरेसिक एवं वास्कुलर सर्जरी विभाग की डॉक्टरों की टीम ने महिला के हृदय की महाधमनी का रास्ता बदलने में सफलता पाई है। चिकित्सकीय भाषा में इसे आओर्टिक रूट रिप्लेसमेंट कहते हैं। विभागाध्यक्ष प्रो. संजय कुमार की अगुवाई वाली टीम ने ऐसी सर्जरी पहली बार की है।
विभागाध्यक्ष प्रो. संजय कुमार के मुताबिक, महाधमनी हृदय के संचालन में अहम भूमिका निभाती है। इसका इलाज अब बीएचयू अस्पताल में भी संभव है। इस बीमारी से आजमगढ़ की 57 वर्षीय महिला माधुरी सिंह लंबे समय से परेशान थीं। अब ऑपरेशन किया गया। माधुरी पूरी तरह से स्वस्थ हैं। विभागाध्यक्ष ने कहा कि यह बीमारी घातक है। इसका उपचार सिर्फ ऑपरेशन है। सही समय पर ऑपरेशन न हो तो बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है। सही इलाज के अभाव में सीने में दर्द, सांस फूलने और बेचैनी जैसी समस्याएं होती हैं। उम्र बढ़ने के साथ मरीज की जीवनशैली प्रभावित होती है। अगर ऑपरेशन से आओर्टिक रूट बदल दिया जाए तो मरीज अपना जीवन सामान्य तरीके से जी सकता है। ऐसी सर्जरी पूर्वांचल में पहली बार हुई है।
फिर अपने रंग में दिखे आजम खां: गाड़ी रुकवाकर सीओ से पूछा-अखिलेश का अहसान याद है, पुलिस अधिकारी ने दिया ये जवाबरामपुर में शनिवार को सपा का प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी रविंद्र मांदड से मिला।
प्रो. संजय ने बताया कि ओपन हार्ट सर्जरी 2009 से की जा रही है। अब कार्डोथोरेसिक विभाग में नियमित रूप से ओपन हार्ट सर्जरी की जाती है। अब तक लाखों मरीजों को लाभ मिल चुका है। ऑपरेशन करने वाली टीम में एनेस्थीसिया विभाग के अध्यक्ष प्रो. आरबी सिंह, डॉ दिनेश मैती, सौम्यजीत रॉय और अखिलेश मौर्या आदिशामिल रहे।
बीएचयू में हार्ट ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है। इसका फायदा गंभीर रोगियों को मिलेगा। अब तक येल यूनिवर्सिटी, स्कूल ऑफ मेडिसिन कनेक्टिकट में कई सफल ट्रांसप्लांट कर चुके प्रो. संजय ने बताया कि ट्रांसप्लांट की दिशा में काम तेजी से चल रहा है।

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